अटल जी को जब पता चला, पिताजी देख रहे हैं उनके लिए लड़की
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 16 अगस्त को दिल्ली के एम्स अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। शुक्रवार को दिल्ली के स्मृति स्थल में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। भारत रत्न वाजपेयी ने अपनी पूरी जिंदगी पार्टी और देश को समर्पित कर दी।
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 16 अगस्त को दिल्ली के एम्स अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। शुक्रवार को दिल्ली के स्मृति स्थल में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। भारत रत्न वाजपेयी ने अपनी पूरी जिंदगी पार्टी और देश को समर्पित कर दी। एक लोकप्रिय प्रधानमंत्री, शानदार वक्ता और अच्छे कवि कहलाए जाने वाले वाजपेयी को देश से इतना प्रेम था कि इसके लिए उन्होंने कभी शादी भी नहीं की। वाजपेयी शादी के नाम से ही दूर भागते थे और इससे बचने के लिए तो उन्होंने एक बार खुद को कमरे में भी बंद कर लिया था।
शादी के नाम से ही दूर भागते थे वाजपेयी
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने एक बार शादी से बचने के लिए खुद को तीन दिनों तक कमरे में बंद कर लिया था। बात करीब सन 1940 के मध्य की है, जब वाजपेयी कानपुर के डीएवी कॉलेज से पीजी की पढ़ाई कर रहे थे। एक बार जब उन्हें पता चला कि उनके माता-पिता उनकी शादी की तैयारी कर रहे हैं, तो वो भागकर अपने दोस्त गोरे लाल त्रिपाठी के घर पहुंच गए। गोरे लाल त्रिपाठी से उनकी दोस्ती राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की शाखा के दौरान हुई थी।
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तीन दिन तक कमरे में खुद को कर लिया था कैद
वाजपेयी त्रिपाठी के रायपुर गांव स्थित घर पहुंच गए और खुद को कमरे में बंद कर लिया। गोरे लाल त्रिपाठी के घर में मेहमानों के लिए जो कमरा था, वाजपेयी वहीं चले गए और खुद को लॉक कर लिया। वाजपेयी ने त्रिपाठी से कहा की कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर दें। ऐसे वाजपेयी शादी से बचने के लिए तीन दिनों तक इस कमरे में बंद रहे थे। वो केवल तभी बाहर निकलते जब उन्हें खाना-पानी चाहिए होता या बाथरुम जाना होता था।
देश के नाम समर्पित कर दी पूरी जिंदगी
गोरे लाल त्रिपाठी ने वाजपेयी से जब पूछा कि वो शादी से क्यों भाग रहे हैं, तो वाजपेयी ने कहा कि वो अपनी जिंदगी देश के नाम करना चाहते हैं और शादी इसमें बाधा बनेगी। उनके करीबी दोस्त रहे गोरे लाल त्रिपाठी के बेटे विजय प्रकाश ने ये बातें टाइम्स ऑफ इंडिया को बताई। अटल बिहारी वाजपेयी अपने दोस्तों के काफी करीब थे और उनके घर के सभी समारोह में शामिल होते थे। दोस्तों की दोस्ती वाजपेयी के लिए काफी अहम थी।
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