कोविशील्ड की दोनों डोज में बढ़ाए गैप का एस्ट्राजेनेका ने किया समर्थन, कहा- इससे अधिक होगा फायदा
नई दिल्ली, जून 19। भारत में लगाई जा रही कोविशील्ड वैक्सीन के दोनों डोज के अंतराल में अभी तक चार बार बदलाव किया जा चुका है। पिछले 6 महीने के अंदर हुए इन बदलावों के बाद लोगों के मन में इस वैक्सीन के प्रति जरूर शंकाएं पैदा हुई हैं, लेकिन सरकार ने हर बार अपने फैसले का स्पष्टीकरण दिया है। इस बीच ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कोविशील्ड की दो डोज में किए गए गैप का समर्थन किया है। कंपनी ने कहा है कि इस वैक्सीन की सिंगल डोज लगने के बाद दूसरी डोज अगर तीन महीने बाद लगती है तो ये ज्यादा सुरक्षा प्रदान करती है।
एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड ने ही तैयार किया है कोविशील्ड का फॉर्मूला
आपको बता दें कि एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड ने ही मिलकर कोविशील्ड का फॉर्मूला तैयार किया है। भारत में इस फॉर्मूले के आधार पर ही सीरम इंस्टीट्यूट कोविशील्ड के नाम से इस वैक्सीन की उत्पादन कर रहा है। एस्ट्राजेनका के क्लिनिकल ट्रायल के मुख्य जांचकर्ता प्रो. एंड्रयू पोलार्ड ने शुक्रवार को वैक्सीन की दोनों डोज में किए गए गैप को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा है कि वैक्सीन की दोनों डोज में कम से कम तीन महीने का गैप होने से इसका सुरक्षा स्तर और अधिक बढ़ जाता है, ऐसे में दोनों डोज के गैप को बढ़ाने के फैसले में कोई कमी नजर नहीं आती।
ब्रिटेन में इसी वैक्सीन की दोनों डोज का गैप क्यों है कम?
आपको बता दें कि ब्रिटेन में भी एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के फॉर्मूले वाली वैक्सीन लगाई जा रही है, लेकिन यहां उस वैक्सीन की दोनों डोज का गैप भारत के मुकाबले काफी कम है। इस पर प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने कहा है कि ब्रिटेन में दोनों डोज का गैप इसलिए कम किया गया है, क्योंकि यहां की आबादी के एक बड़े हिस्से को वैक्सीनेट किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इसलिए भारत और ब्रिटेन की वैक्सीनेशन पॉलिसी की तुलना करना ठीक नहीं है। एंड्रयू पोलार्ड ने कहा कि भारत में जो अभी की परिस्थितियां हैं, उनको देखते हुए समझा जा सकता है कि वहां जल्द से जल्द अधिक संख्या में लोगों को कम से कम सिंगल डोज दिए जाने के बारे में सोचा जा रहा है, जो कि एकदम सही है।
भारत में चार बार बदला कोविशील्ड की दोनों डोज का गैप
आपको बता दें कि भारत में कोविशील्ड की दोनों डोज के गैप को अभी तक चार बार बदला जा चुका है। जनवरी 2021 में इस वैक्सीन की दोनों का अंतराल 28-42 दिन था। 22 मार्च को इसे 6-8 हफ्ते किया गया। 13 मई को फिर इस वैक्सीन की दोनों डोज का गैप 12-16 हफ्ते कर दिया गया और फिर 9 जून को विदेश जाने वाले लोगों के लिए इस वैक्सीन के दोनों डोज का गैप 28 दिन कर दिया।
वैज्ञानिक आधारों पर लिए गए हैं ये फैसले
इन फैसलों को लेकर कोविड वर्किंग ग्रुप के चीफ डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा कि हर बार वैज्ञानिक आधारों पर ही ये फैसले लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर इन फैसलों को सही बताया गया था। कोवीशील्ड के दो डोज का अंतर बढ़ाए जाने के बाद से चल रही बहस के बीच उन्होंने कहा था कि इस वैक्सीन का सिंगल डोज कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 61% तक कारगर है।