हमले के बारे में असम सरकार को किया गया था आगाह
गुवाहाटी। असम के कोकराझार और शोणितपुर में मंगलवार को हुए हादसे में मरने वालों की संख्या अब 80 तक पहुंच चुकी है। वहीं अब ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि असम पुलिस और सरकार को पहले ही इस तरह के हमले के बारे में अलर्ट कर दिया गया था।
असम पुलिस ने मानी बात
असम पुलिस की ओर से भी इस बात को अब मान लिया गया है। साफ है कि कहीं न कहीं मुख्यमंत्री तरूण गोगोई और उनकी सरकार की लापरवाही का खामियाजा 80 मासूम लोगों को भुगतना पड़ा है।
राज्य के पास थी पूरी इंटेलीजेंस
असम पुलिस की ओर से जो जानकारी दी गई है कि उसके मुताबिक उन्हें इस बारे में आगाह किया गया था कि आतंकवादी जल्द ही एक बड़ा हमला कर सकते हैं। इस बात की आशंका थी कि वह उन इलाकों को अपना निशाना
बनाएंगे जहां पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग रहते हैं। लेकिन इस बात की उम्मीद नहीं थी कि वह आदिवासियों को अपना निशाना बनाएंगे। असम राज्य इंटेलीजेंस यूनिट के एक अधिकारी की ओर से इस बारे में जानकारी दी गई।
सुरक्षा बल अदिवासी बाहुल्य इलाकों में किसी भी हमले के लिए तैयार नहीं थे और इसका फायदा मंगलवार को आतंकियों ने उठाया। असम में मंगलवार को हुआ हमला हाल के दिनों में हुए सबसे खतरनाक हमलों में से एक है।
आदिवासियों को बना डाला निशाना
इस हमले की निंदा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की है। असम के शोणितपुर और कोकराझार में एनडीएफबी (सोंगबिजित) की अगुवाई वाले संगठन की ओर से किया गया है। इन हमलों में आतंकियों ने मासूम बच्चों और निर्दोष महिलाओं को अपना निशाना बनाया। राज्य के सारे सुरक्षा तंत्र का ध्यान सिर्फ अल्पसंख्यक इलाकों पर लगा रहा और आतंकियों ने आदिवासियों को अपना निशाना बना डाला।
पुलिसिया कार्रवाई का बदला
पिछले माह यानी नवंबर में असम पुलिस ने एनडीएफबी के खिलाफ अपने अभियान को और तेज कर डाला था। पुलिस की ओर से यह अभियान खासतौर पर कोकराझार इलाके में चलाया जा रहा था और पुलिस ने इस संगठन के चार उग्रवादियों को मार गिराने में सफलता भी हासिल कर ली थी।
असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई की ओर से सुरक्षा बलों को आदेश दिया गया था कि वह आतंकियों के खिलाफ बड़े स्तर पर कार्रवाई करें। पुलिस और सुरक्षाबलों की ओर से इस बात का फैसला किया गया कि यह आतंकी निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है, ऐसे में अगर इस संगठन पर कार्रवाई नहीं की गई तो स्थिति नियंत्रण के बाहर हो जाएगी।
आतंकियों के खिलाफ तेज हुआ ऑपरेशन
वहीं दूसरी तरफ मंगलवार को हुए इस हमले के बाद असम पुलिस और सुरक्षा बलों की ओर से हमलावरों के खिलाफ ऑपरेशन और तेज कर दिया गया है। पुलिस की ओर से उन लोगों की तलाश की जा रही है जिन्होंने आदिवासियों पर हमले किए और इस तरह के निर्दयी कृत्य को अंजाम दिया गया।
असम के एक अधिकारी की ओर से वनइंडिया को इस बात की जानकारी दी गई। वहीं सुरक्षा बलों ने इंडो-भूटान बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया है ताकि आतंकी बाहर न जाने पाए। असम पुलिस के साथ जल्द ही केंद्रीय सुरक्षा बल भी इस अभियान का हिस्सा बनेंगे और बड़े स्तर पर आतंकियों के खात्मे का अभियान शुरू किया जाएगा।