असम के सरकारी अस्पताल में 24 घंटे से कम समय में हुई 8 नवजात बच्चों की मौत
गुवाहाटी। असम के बारपेटा में फखरुद्दीन अली अहमद मेडिकल कॉलेज में आठ नवजात च्चों की मौत हो गई। बुधवार की रात (4 अक्टूबर)राजधानी से लगभग 100 किलोमीटर पश्चिम स्थित सरकारी अस्पताल में 2 से 4 दिनों के बीच पांच नवजात शिशुओं की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य मौतें गुरुवार (5 अक्टूबर) को हुईं। हालांकि अस्पताल के अधिकारियों ने, डॉक्टरों और अस्पतालों के कर्मचारियों की किसी भी लापरवाही से इनकार किया और कहा कि मौतें अन्य कई के कारणों से होती हैं जिसमें नवजात शिशुओं के जन्म के समय कम वजन का होना भी शामिल है। अस्पताल के प्रिंसिपल/ चीफ सुपरिंटेंट, प्रोफेसर (डॉ) दिलीप कुमार दत्ता ने 'कम वजन मुख्य रूप से मौतों का कारण है।' स्थानीय समाचार चैनलों से बात करते हुए डॉ दत्ता ने नवजात शिशुओं की मौत के पीछे किसी भी तकनीकी गड़बड़ी से इनकार किया - जिनमें से सभी को अस्पताल के नवजात शिशु देखभाल इकाई (एनआईसीयू) में रखा गया था।
डॉ दत्ता ने कहा कि 'कई मामलों में, गर्भधारण के दौरान प्रसवपूर्व देखभाल बहुत कम होती है, इससे नवजात शिशुओं के जन्म के समय वजन कम होता है, जो मौतें हुई हैं उनमें एक बच्चे का सबसे अधिक वजन 2.5 किलो और एक नवजात शिशु एक किलो से कम था। उन्होंने कहा कि औसतन, नवजात शिशुओं की 1-2 मौतें अस्पताल में रोजाना होती हैं और यह सिर्फ एक 'संयोग' था।
राज्य स्वास्थ्य मंत्री हिमंता बिस्व शर्मा ने भी अस्पताल के अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी और कहा कि ज्यादातर मामलों में जन्म के कम वजन के कारण होता है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मैंने मेडिकल शिक्षा के निदेशक को जांच करने के लिए कहा है।