असम: दो से ज्यादा बच्चे होंगे तो नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे
दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, पंचायत-नगरपालिका का चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगी
नई दिल्ली। असम में अब उन लोगों को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी, जिनके दो से ज्यादा बच्चे होंगे। साथ ही दो से ज्यादा बच्चों के माता-पिता नगर पालिका या पंचायत चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे। असम विधान सभा में शुक्रवार को पारित किए गए कानून के तहत ये प्रावधान किए गए हैं।
सभी सरकारी कर्मचारियों पर दो बच्चों की नीति
असम के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हिमंत बिस्व शर्मा ने शुक्रवार (15 सितंबर) को विधानसभा में ये विधेयक पारित किया। उन्होंने विधान सभा में कहा कि राज्य की सेवा शर्तों को जल्द ही नए कानून के हिसाब से बदला जाएगा। इस विधेयक के पारित होने के बाद असम के सभी सरकारी कर्मचारियों पर 'दो बच्चों' की नीति लागू होगी। असम विधान सभा में लंबी बहस के बाद ये कानून पारित किया गया। इसके साथ-साथ शादी के लिए निर्धारित न्यूनतम उम्र का पालन न करने वालों को भी सरकारी नौकरी के लिए अयोग्य घोषित करने का प्रावधान है।
जनसंख्या पर काबू के लिए उठाया कदम
सदन में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में जनसंख्या को काबू करने, आर्थिक और स्वास्थ्य के स्तर पर राज्य की स्थिति में सुधार के लिए ये कानून लाया गया है। उन्होंने कहा कि दो से ज्यादा बच्चे वालों के लिए पंचायत और नगरपालिका चुनाव ना लड़ने के लिए कानून में प्रावधान है जबकि विधान सभा चुनाव लड़ने के लिए ऐसा ही कानून बनाया जाने की मांग वो केंद्र सरकार से करेंगे।
अभिभावकों का भी रखना होगा ध्यान
शुक्रवार
को
ही
असम
विधानसभा
में
असम
कर्मचारी
अभिभावक
जवाबदेही
एवं
निगरानी
विधेयक,
2017
भी
पारित
किया
गया
है।
इसके
मुताबिक,
अगर
राज्य
सरकार
के
कर्मचारी
अपने
अभिभावकों
और
दिव्यांग
भाई-बहनों
की
देखभाल
नहीं
करेंगे
तो
उनकी
सैलरी
से
10
फीसदी
की
कटौती
कर
ये
राशि
उनके
माता-पिता
और
भाई-बहनों
की
देखभाल
के
लिए
दी
जाएगी।
इसके
लिए
कर्मचारी
के
माता-पिता
को
उसके
विभाग
में
शिकायत
करनी
होगी
जिसके
बाद
कर्मचारी
का
विभाग
उस
पर
कार्रवाई
करेगा।
पढ़ें-
असम:
माता-पिता
का
ध्यान
ना
रखने
वाले
कर्मचारियों
की
सैलरी
से
कटेगा
10
प्रतिशत