असम हिंसा: सीएम का दावा- बवाल से एक दिन पहले PFI ने किया था इलाके का दौरा
गुवाहाटी, 25 सितंबर: असम के दारांग जिले में हुई हिंसा को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया कि इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों ने एक दिन पहले उस गांव का दौरा किया था, जहां पर बेदखली अभियान के दौरान हिंसक झड़प हुई। जिसमें दो लोगों की मौत हुई, जबकि पुलिसकर्मियों समेत दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए।
मीडिया से बात करते हुए सीएम ने कहा कि हमारे पास 6 लोगों के नाम हैं। घटना के एक दिन पहले पीएफआई ने बेदखल परिवारों को खाद्य सामग्री देने के नाम पर इलाके का दौरा किया। इसमें एक लेक्चरर का नाम भी शामिल है। सीएम से पहले शनिवार को बीजेपी ने कहा था कि पीएफआई ने ही प्रदर्शनकारियों को पुलिस पर हमला करने के लिए उकसाया था। हालांकि संगठन लगातार इन आरोपों से इनकार कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक खुफिया रिपोर्ट थी कि कुछ लोगों ने पिछले तीन महीनों के दौरान ये कहते हुए 28 लाख रुपये एकत्र किए कि कोई बेदखली नहीं होगी। जब वे बेदखली का विरोध नहीं कर सके, तो उन्होंने जनता को लामबंद किया और उस दिन कहर ढाया। सीएम ने साफ किया कि वो कई महीनों से इस पर चर्चा कर रहे थे। इसके बारे में कांग्रेस को भी बताया गया था। वो भी उनकी बात से सहमत थे और उन्होंने निर्णय की सराहना की।
ये
है
पूरा
मामला?
पिछले
कुछ
दिनों
से
राज्य
सरकार
अवैध
अतिक्रमण
के
खिलाफ
अभियान
चला
रही
है।
जिसके
तहत
4500
बीघा
भूमि
पर
अवैध
रूप
से
रह
रहे
800
परिवारों
को
सोमवार
को
हटाया
गया।
इसी
अभियान
के
तहत
जब
गुरुवार
को
टीम
ढालपुर
पहुंची,
तो
लोग
ने
विरोध
शुरू
कर
दिया।
कुछ
देर
बाद
प्रदर्शनकारी
हिंसक
हो
गए,
जिस
पर
पुलिस
को
गोली
चलानी
पड़ी।
पुलिस
के
मुताबिक
स्थानीय
लोग
पथराव
कर
रहे
थे,
जिनको
काबू
में
करने
के
लिए
ये
कार्रवाई
हुई।