अरुण सिंह बोले- कर्नाटक में नेतृत्व को लेकर मैंने बात नहीं की,2-3 विधायक हैं जो पार्टी की छवि खराब कर रहे हैं
बेंगलुरु, 17 जून। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस युदियुरप्पा की कार्यशैली को लेकर कई भाजपा विधायक नाराज चल रहे हैं। यहीं कारण है कि भाजपा द्वारा भेजे जाने पर राज्यसभा सांसद अरुण सिंह बेंगलुरु में तीन दिन के दौरे पर पहुंचे हैं। बुधवार से शुरू हुए राज्य के अपने महत्वपूर्ण दौरे के विषय में बात करते हुए भाजपा कर्नाटक प्रभारी अरूण सिंह ने गुरुवार को कहा मैंने विधायकों के साथ नेतृत्व के बारे में कुछ भी चर्चा नहीं की। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि 2-3 विधायक ऐसे हैं जो इस तरह से काम कर रहे हैं जिससे पार्टी की छवि खराब हो रही है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और अन्य नेता अपने बयानों का रिकॉर्ड रख रहे हैं।
बता
दें
पार्टी
के
8
विधायकों
के
साथ
अरुण
सिंह
मिलने
वाले
हैं।
वहीं
बुधवार
को
बेंगलुरू
पहुंचते
ही
अरुण
सिंह
ने
दावा
किया
कि
"पार्टी
में
कोई
अंतर
नहीं
है"
और
सभी
राज्य
भाजपा
नेता
"एक
साथ"
हैं।
उन्होंने
कहा
"मैं
यहां
राजनीतिक
विकास
को
समझने
के
लिए
हूं
और
इसे
सुधारने
के
लिए
प्रयासर
करेंगे।
सरकार,
मुख्यमंत्री
और
मंत्रियों
ने
महामारी
के
दौरान
लोगों
के
लिए
काम
किया
है।
कांग्रेस
नेता
बना
रहे
थे
झूठे
आरोप
और
जद
(एस)
संगरोध
में
था।
यह
केवल
सीएम
येदियुरप्पा
थे
जिन्होंने
संकट
को
हल
किया।
हमारे
नेता
एक
साथ
हैं
और
कोई
फर्क
नहीं
पड़ता।
अगर
किसी
को
कोई
समस्या
है,
तो
उन्हें
आने
दें
और
मुझसे
बात
करें।
वहीं अरुण सिंह के बेंगलुरू पहुंचते ही कांग्रेस से टूट कर भाजपा में शामिल हुए विधायक जो येदियुरप्पा सरकार में मंत्री है उन्होंने ऐलान किया कि वो मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के साथ हैं। मालूम है कि उन्हें अपने विभाग छिन जाने का डर है।
अरुण सिंह कौन हैं और कर्नाटक बीजेपी संकट में उनकी भूमिका क्यों है अहम?
अरुण सिंह ने बेंगलुरू पहुंचने से पहले भी कहा था कि कर्नाटक सीएम येदियुरप्पा अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं और कोरोना काल में विपरीत परिस्तियों में उन्होंने बखूबी स्थिति को संभाला। वहीं गुरुवार को भी मीडिया से मुखातिब अरुण सिंह ने कह दिया कि उन्होंने विधायकों से मुलाकात की लेकिन नेतृत्व परिर्तन को लेकर उनकी कोई बात नहीं हुई है। ऐसा कहकर अरुण सिंह साफ कर चुके हैं कि कर्नाटक में सीएम की कुर्सी पर कोई बदलावा होगा ये संभव नहीं हैं।