अकबर के जाने से दुखी एंथोनी-इमोशनल पोस्ट लिख अमिताभ बच्चन ने बताया क्यों कभी ऋषि से मिलने अस्पताल नहीं गए
मुंबई। कपूर खानदान के दुलारे ऋषि कपूर अब इस दुनिया में नहीं हैं। गुरुवार को मुंबई के 67 साल की उम्र में उन्होंने एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। उनके जाने से बॉलीवुड दुखी है और अमिताभ बच्चन ने ऋषि को याद करते हुए एक बहुत ही इमोशनल पोस्ट लिखी है। यह अमिताभ ही थे जिन्होंने गुरुवार को सबसे पहले कैंसर से जूझ रहे ऋषि के निधन की जानकारी साझा की थी। अमिताभ ने अपनी पोस्ट में लिखा है, 'मैं कभी उन्हें देखने अस्पताल नहीं गया क्योंकि मैं उनके दिव्य चेहरे पर तकलीफ नही देख सकता था।'
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जब पहली बार देखा ऋषि कपूर को
अमिताभ और ऋषि की जोड़ी को मनमोहन देसाई की सुपरहिट फिल्म 'अमर अकबर एंथोनी' में सबसे पहले साथ में देखा गया था। इस फिल्म में अमर बने थे विनोद खन्ना, अकबर ऋषि कपूर और एंथोनी का रोल अदा किया था अमिताभ बच्चन ने। अमिताभ ऋषि के जाने से काफी दुखी हैं। एंथोनी ने अपने प्यारे 'अकबर' के लिए ब्लॉग में लिखा, 'चेंबूर में देओनार कॉटेज में उनके घर में मैंने उन्हें पहली बार देखा था। एक छोटा सा, ऊर्जा से भरा, बबली और उसकी आंखों में शैतानी, चिंटू। मुझे एक दिन शाम को राजजी (राजकपूर) के घर पर जाने का विशेष मौका मिला। इसके बाद मैं अक्सर चिंटू से मिलने लगा। आरके स्टूडियो में जब उन्हें उनकी फिल्म 'बॉबी' के लिए पूरी तरह से एक्टिंग के लिए प्रशिक्षित किया गया था, तब एक उत्साह से भरे युवा को देखा जो हर तरह से रास्ते में आने वाली सीख को लेने के लिए तैयार था।'
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दादा पृथ्वीराज कपूर सी स्टाइल
अमिताभ ने आगे लिखा है, 'वहां पर फर्स्ट फ्लोर पर राजजी के लिए बड़े से लीजेंडरी मेकअप रूम, जहां पर और भी मेकरूम्स थे, वह अक्सर टहलते थे और उनकी चाल विश्वास से भरी और दृढ़ निश्चय वाली होती। लंबे-लंबे डग भरकर चलना और एक ऐसी स्टाइल जो बिल्कुल उनके दादा, लीजेंडरी पृथ्वीराज कपूर सी थी, एक ऐसी चाल जो मैंने उनकी पहले की फिल्मों में देखी थी, मुझे और किसी में नहीं मिली। हमनें कई फिल्मों में साथ में काम किया। जब वह अपनी लाइन्स बोलते तो आपको उसके हर एक शब्द पर यकीन होता। यहां तक कि सबसे गंभीर हालातों में भी वह इस तरह की कॉमेडी करते कि हम सब हंसे बिना नहीं रह सकते थे। न केवल सेट पर बल्कि अगर किसी और कार्यक्रम में भी उनके साथ होते तो भी उनका यही रूप देखने को मिलता।'
बीमारी का पता लगने पर भी नहीं थे दुखी
इस इमोशनल पोस्ट में अमिताभ ने आगे लिखा है, 'उन्हें कोई भी एक छोटा सा मौका मिल जाता ध्यान हटाने के लिए तो वह उसका फायदा उठाते और माहौल को हल्का कर देते थे। जिस समय शॉट रेडी होता तो थोड़ा समय होता था और वह अपने पत्ते लेकर पहुंच जाते या फिर वह अपना मुश्किल कौड़ी वाला बोर्ड निकाल लेते और बाकियों को खेलने के लिए इनवाइट करते। एक ऐसी प्रतियोगिता जो सिर्फ मजे के लिए होती थी। जब उन्हें बीमारी का पता लगा और इलाज शुरू हुआ तो उन्होंने अपनी हालत पर जरा भी अफसोस नहीं जताया। मैं कभी उन्हें देखने अस्पताल नहीं गया क्योंकि मैं उनके दिव्य चेहरे पर तकलीफ नही देख सकता था।'
पिता राजकपूर से मिली विरासत
अमिताभ ने अपनी पोस्ट के लास्ट में में लिखा, ' अस्पताल में रूटीन चेक अप के लिए जाते समय 'सी यू सून,' 'मैं जल्द वापस आउंगा,' ऐसा हमेशा होता था। वह एक हीरा थे, जिन्होंने अपने पिता लीजेंड, शोमैन राजकपूर से विरासत में यह हासिल किया था। मुझे मालूम है कि जिस समय वह गए हैं, उनके चेहरे पर मोहक सी मुस्कान रही होगी।' अमिताभ और ऋषि ने मनमोहन देसाई की 'अमर अकबर एंथोनी, 'नसीब' और 'कुली' के अलावा शशि कपूर के डायरेक्शन में बनी फिल्म 'अजूबा,' यश चोपड़ा की मल्टीस्टारर फिल्म 'कभी-कभी' और कुछ और फिल्मों में साथ काम किया था। दोनों को आखिरी बार उमेश शुक्ला की फिल्म '102 नॉट आउट' में देखा गया था। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, ऋषि कपूर के 102 साल के एक ऐसे पिता के रोल में नजर आए थे जो अपने 76 साल के बेटे को ओल्ड एज होम भेजना चाहता है।