त्राल में आतंकी के जनाजे में हजारों की भीड़, लगाए भारत मुर्दाबाद और कश्मीर की आजादी के नारे
त्राल एनकाउंटर में मारे गए हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी आकिब मौलवी के जनाजे में उमड़ी भीड़ और पूरा त्राल रहा बंद। आकिब के जनाजे में लगाए गए कश्मीर की आजादी के नारे।
त्राल। रविवार को साउथ कश्मीर के त्राल में 15 घंटे तक चला एनकाउंटर खत्म हुआ। इस एनकाउंटर में हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी आकिब मौलवी को सुरक्षाबलों ने मार गिराया। आकिब के जनाजे के समय नजारा बिल्कुल वैसा ही था जैसा पिछले वर्ष बुरहान वानी के मारे जाने के बाद था।
पूरी तरह से बंद था त्राल
मौलवी के जनाजे के लिए त्राल को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। कश्मीर की आजादी के नारे लग रहे थे और बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर इकट्ठा थे। आकिब का साथ उस्मा भी इस एनकाउंटर में मारा गया है। आकिब की मौत के बाद उसके शव को त्राल के हाइना ले जाया गया था। बताया जा रहा है कि जैसे ही एनकाउंटर शुरू हुआ आकिब ने अपनी मां को कॉल किया था। उसने अपनी मां से कहा था कि वह आत्मसमर्पण नहीं करेगा बल्कि लड़ेगा। इंडियन आर्मी हमेशा से ही स्थानीय आतंकी को सरेंडर का मौका देती है। लेकिन आकिब सरेंडर नहीं करना चाहता था और उसने मां से कहा कि वह उसे सरेंडर करने के लिए न बहकाएं।
पत्थरबाजी से बाज नहीं आ रहे लोग
जैसे ही आकिब का शव उसके घर पहुंचा लोग अपने घरों से बाहर आ गए। ये लोग भारत विरोधी और कश्मीर की आजादी के नारे लगा रहे थे। उसके अंतिम संस्कार को कई बार भीड़ की वजह से बीच में ही रोकना पड़ा। जहां एक तरफ त्राल में आकिब का अंतिम संस्कार हो रहा था ता दूसरी ओर पिंजूरा में पत्थरबाजी हो रही थी। सुरक्षाबलों को इंटेलीजेंसी इनपुट मिला था कि इलाके में कुछ आतंकी छिपे हुए हैं। एनकाउंटर को कई बार बीच में रोकना पड़ा क्योंकि स्थानीय लोगों की ओर से जमकर पत्थरबाजी हो रही थी। पढ़ें-त्राल में पत्थरबाजी के बीच भी सेना ने कैसे मारा दो आतंकियों को