VIDEO: फ्रांस से 3 और राफेल विमानों ने भरी उड़ान, आज रात जामनगर में करेंगे लैंड
नई दिल्ली: पिछले 11 महीनों से चीन के साथ लद्दाख में भारत का सीमा विवाद जारी है। इसके अलावा पाकिस्तान भी सीमा पर अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देता रहता है। जिस वजह से भारत अपनी रक्षा तैयारियां मजबूत कर रहा है। जिसके तहत बुधवार को तीन और राफेल विमानों ने फ्रांस से भारत के लिए उड़ान भरी। ये तीनों विमान भी अंबाला में स्थित गोल्डन एरो स्क्वाड्रन का हिस्सा होंगे। तय शेड्यूल के मुताबिक आज रात 10.30 पर ये विमान गुजरात के जामनगर एयरबेस पर लैंड करेंगे।

फ्रांस में स्थित भारतीय दूतावास ने तीन विमानों का वीडियो जारी किया, जिसमें वो एयरबेस से उड़ान भरते नजर आ रहे। ये विमान UAE के रास्ते भारत आ रहे हैं, जिस वजह वहां पर लैंड करने की बजाए हवा में ही इनमें ईंधन भरा जाएगा। इसके लिए UAE के साथ भारत सरकार ने पहले ही समझौता कर रखा है। रिफ्यूलिंग की वजह से विमान बिना रुके आज रात 10.30 पर जमानगर एयरबेस पहुंच जाएंगे।
जो राफेल लड़ाकू विमान बुधवार को भारत पहुंच रहे हैं, वो M88-3 Safran के डबल इंजन से युक्त हैं। इसके अलावा इसमें स्मार्ट वेपन सिस्टम लगाया गया है। इन विमानों के साथ ही भारत में कुल राफेल विमानों की संख्या 14 हो जाएगी। पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि राफेल विमानों की डिलीवरी में देरी होगी, लेकिन फ्रांस सरकार अपना वादा बखूबी निभा रही है। सूत्रों के मुताबिक अगले महीने भारत को 7-8 राफेल और मिल सकते हैं। जिसके बाद भारत में राफेल की संख्या 21 हो जाएगी। इतने विमान किसी भी दुश्मन को मिट्टी में मिलाने के लिए काफी हैं।
Glimpses of another batch of #Rafale which took off to the skies!@MEAIndia @JawedAshraf5 @IAF_MCC @harshvshringla @DrSJaishankar @PMOIndia @rajnathsingh @SpokespersonMoD @IndianDiplomacy @florence_parly @Dassault_OnAir @Armee_de_lair pic.twitter.com/bJCzzkCxW7
— India in France (@Indian_Embassy) March 31, 2021
मोदी सरकार की विदेश नीति का असर, UAE देगा AIRBUS-330, हवा में ही राफेल का टैंकर करेगा फुल
पूर्वोत्तर में तैनाती की तैयारी
पिछले साल फ्रांसीसी लड़ाकू विमान जब भारत आए तो लद्दाख में सीमा विवाद जारी था। ऐसे में अंबाला स्थित एयरबेस पर इनकी तैनाती की गई। अब भारतीय वायुसेना पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में इन्हें तैनात करने की योजना बना रही है, ताकी वक्त पड़ने पर पूर्वोत्तर की सीमा पर दुश्मन को माकूल जवाब दिया जा सके।