RTI एक्ट में संशोधन पर अन्ना हजारे बोले- मोदी सरकार लोगों के साथ धोखा कर रही है
नई दिल्ली। मोदी सरकार सूचना के अधिकार कानून में संशोधन करने की तैयारी में है। इसके लिए लोकसभा में सूचना के अधिकार कानून में संशोधन पारित भी कर दिया गया है। लेकिन इस संशोधन बिल को लेकर विपक्षी पार्टियां हमलावर हो गई हैं। इस बीच संशोधन बिल पारित होने के एक दिन बाद सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर इस बिल के जरिए भारतीय नागरिकों से धोखा करने का आरोप लगाया है।
अन्ना हजारे ने कहा कि भारत को आरटीआई कानून 2005 में मिला था लेकिन अब इस कानून में संशोधन कर सरकार इस देश के लोगों के साथ धोखा कर रही है। अन्ना हजारे ने कहा कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है लेकिन यदि देश के लोग इस कानून की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरें तो वह उनका साथ देने के लिए तैयार हैं। अन्ना हजारे गुजरात के अहमदनगर स्थित अपने गांव रालेगढ़ सिद्धि में यह बात कही। बता दें कि अन्ना हजारे के आंदोलन के चलते महाराष्ट्र सरकार ने महाराष्ट्र सूचना का अधिकार कानून बनाया था जिसे सूचना के अधिकार कानून 205 का आधार माना जाता है।
आरटीआई
में
क्या
बदलाव
करना
चाहती
है
मोदी
सरकार
दरअसल
मोदी
सरकार
आरटीआई
के
दो
सेक्शन
में
बदलाव
करना
चाहती
है।
जिसमें
पहला
है
सेक्शन-13,
इसमें
संशोधन
कर
मोदी
सरकार
मुख्य
सूचना
आयुक्त
और
सूचना
आयुक्तों
के
कार्यकाल
में
बदलाव
करेगी।
पहले
के
कानून
में
है
कि
मुख्य
सूचना
आयुक्त
और
सूचना
आयुक्तों
का
कार्यकाल
5
साल
या
65
वर्ष
की
उम्र
निर्धारित
है।
इसके
अलावा
सरकार
उनकी
सैलरी,
भत्ते
और
अन्य
सुविधाओं
को
नियंत्रित
करने
करना
चाहती
है।
इसके
अलावा
दूसरा
बदलाव
सेक्शन
16
में
है
जिसके
जरिए
ऐसे
ही
बदलाव
राज्य
स्तर
पर
लाने
की
बात
भी
कही
गई
है।
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