UK से लौटी एंग्लो-इंडियन महिला में मिला कोरोना का नया स्ट्रेन, आइसोलेशन सेंटर से से भागकर पहुंची थी घर
Anglo-Indian women ,who reached Andhra Pradesh escaping isolation tested positive: भारत में कोरोना के नए स्ट्रेन की एंट्री हो चुकी है। मंगलवार को भारत सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि यूनाइटेड किंगडम से लौटे 6 लोगों में ये नए स्ट्रेन के लक्षण मिले हैं तो वहीं एक एंग्लो-इंडियन महिला जो कि यूके से लौटने के बाद चुपके से ट्रेन के जरिए आंध्र प्रदेश पहुंची थी, उसमें भी कोरोना का नया स्ट्रेन मिला है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक 47 साल की महिला 21 दिसंबर को यूके से इंडिया लौटी थी लेकिन दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उन्हें उनके बेटे के साथ आइसोलेशन सेंटर भेजा गया था लेकिन वो महिला चकमा देकर अपने बेटे के साथ वहां से भाग निकली और स्पेशल ट्रेन के जरिए अपने होमटाउन राजमुंदरी पहुंची लेकिन मंगलवार को सरकार की रिपोर्ट में उसमें कोरोना का स्पेशल स्ट्रेन पाया गया है, जिसके बाद उसकी तलाश शुरु हुई और आखिरकार उसके लोकेशन को ट्रैक किया जा सका और पता चला कि वो अपने घर पर ही है। जिसके बाद उसे और उसके बेटे को राज्य सरकार के क्वॉरनटीन सेंटर में रखा गया है, फिलहाल उसके बेटे की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है।
जीनोम सीक्वेंसिंग की जाएगी: स्वास्थ्य मंत्रालय
मालूम हो कि भारत में UK से इंडिया लौटे 6 लोगों में इस खतरनाक कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन पाया गया है। वैसे भारत में कोरोना के नए स्ट्रेन की बात सामने आने से पहले ही सरकार ने 31 दिसंबर तक यूके से आने वाली सभी फ्लाइट पर रोक लगा रखी है। फिलहाल स्वास्थ्य मंत्रालय ने नए दिशा-निर्देश जारी किए है, जिसके मुताबिक, सभी अंतरराष्ट्रीय यात्री जो पिछले 14 दिनों (9 दिसंबर से 22 दिसंबर, 2020 तक) के दौरान भारत आए हैं यदि उनमें कोरोना के लक्षण हैं और वह पॉजिटिव पाए गए हैं तो उनकी जीनोम सीक्वेंसिंग (Genome Sequencing) की जाएगी।
क्यों बहुत ज्यादा खतरनाक है कोरोना का नया स्ट्रेन?
कोरोना के नए स्ट्रेन के बारे में अभी स्थिति बहुत साफ नहीं है लेकिन जो भी जानकारी अभी सामने आई है, उसके मुताबिक नया स्ट्रेन आम स्ट्रेन के मुकाबले तीन गुना ज्यादा संक्रामक है। ये एक साथ तीन सौ लोगों को कोरोना संक्रमित कर सकता है। ऐसा अनुमान है कि नया स्ट्रेन किसी गंभीर रूप से बीमार कोरोना मरीज में बना हो सकता है जिसे प्लाज्मा थेरपी के साथ-साथ रेमेडिसिविर दवा दी जा रही हो। फिलहाल अभी इस पर शोध जारी है।