एक-दूसरे से नफरत करते दो मुख्यमंत्री
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला) गुस्ताखी माफ पर कहना पड़ेगा कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मुख्यमंत्री कुत्ते-बिल्ली की तरह लड़ते हैं। हम बात कर रहे हैं चंद्रबाबू नायडू और के. चंद्रशेखर राव की। अब ताजा विवाद में आंध्रप्रदेश में विधानपरिषद चुनाव के लिए केश फोर वोट केस का विवाद गंभीर हो गया है।
आरोप चंद्रबाबू नायडू पर लग रहे हैं। आपको पता है कि चंद्रबाबू नायडू और मनोनीत विधायक एलविस स्टीफंसन के बीच एक कथित बातचीत का आडियो टेप सामने आया है। नायडू इस टेप के जारी होने के पीछे तेलंगाना के मुख्यमंत्री राव को दोषी भी मान रहे हैं।
पुरानी अदावत
आंध्र प्रदेश के बंटवारे से पहले से ही नायडू और राव एक-दूसरे से नफरत करते। नायडू तेलंगाना राज्य के गठन का विरोध कर रहे थे, वहीं राव इसकी स्थापना को लेकर आंदोलनरत थे।दक्षिण भारत की राजनीति को जानने वाले कहते हैं कि आंध्र प्रदेश के बंटवारे से पहले से ही नायडू और राव एक-दूसरे से खुंदक खाते थे। जहां नायडू तेलंगाना राज्य के गठन का विरोध कर रहे थे, वहीं राव इसकी स्थापना को लेकर आंदोलनरत थे।
चेहरा भी नहीं देखते
जानने वाले जानते हैं कि दोनों एक-दूसरे का चेहरा भी देखने से बचते हैं। कुछ समय पहले वन इंडिया ने खबर भी दी कि दोनों आपस में एक-दूसरे से बात भी नहीं।
निवेश की चाहत
कुछ समय पहले नायडू आंध्र प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए सिंगापुर गए। तो राव निकल गए मलेशिया निवेश आकर्षित करने के इरादे से। दिल्ली के आंध्र भवन के एक अधिकारी ने बताया कि जब नायडू-राव इधर होते हैं तो वे एक-दूसरे से शिष्टाचारवश भी बात नहीं करते। अब आंध्र भवन के एक हिस्से पर तेलंगाना राज्य का कब्जा है।