मणिपुर हिंसा पर अमित शाह सख्त, दी CBI जांच की अनुमति, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे निगरानी
Amit Shah On Manipur Violence: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में हिंसा की जांच के लिए एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक समिति की घोषणा की।
Manipur Violence News In Hindi: मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा की जांच के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ी घोषणा की है। इसके तहत इस हिंसा की जांच अब सीबीआई की विशेष टीम करेगी जिसकी निगरानी के लिए आयोग का गठन किया जाएगा। इस आयोग में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज को शामिल किया जाएगा।
अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने ममिपुर हिंसा की जांच के लिए उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। वहीं मणिपुर के राज्यपाल नागरिक समाज के सदस्यों के साथ एक शांति समिति का नेतृत्व करेंगे। अमित शाह ने कहा कि हिंसक घटनाओं की जांच के लिए मणिपुर में कई एजेंसियां काम कर रही हैं। साजिश की ओर इशारा करने वाली हिंसा की 6 घटनाओं की उच्च स्तरीय सीबीआई करेगी और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि जांच निष्पक्ष हो।
राज्य
और
केंद्र
की
तरफ
से
कुल
10
लाख
का
मुआवजा
अमित
शाह
ने
कहा
कि
मणिपुर
सरकार
डीबीटी
के
माध्यम
से
मृतक
पीड़ितों
के
परिजनों
को
5
लाख
रुपये
का
मुआवजा
प्रदान
करेगी।
केंद्र
सरकार
भी
डीबीटी
के
माध्यम
से
मृतक
पीड़ितों
के
परिजनों
को
5
लाख
रुपये
का
मुआवजा
देगी।
अमित
शाह
ने
नागरिकों
से
फर्जी
खबरों
से
बचने
को
कहा
अमित
शाह
ने
मणिपुर
के
नागरिकों
से
अपील
करते
हुए
फर्जी
खबरों
पर
ध्यान
न
देने
का
आग्रह
किया।
उन्होंने
कहा
कि
एसओओ
समझौते
का
उल्लंघन
करने
वाले
किसी
भी
व्यक्ति
के
खिलाफ
कड़ी
कार्रवाई
की
जाएगी।
हथियार
रखने
वालों
को
पुलिस
के
सामने
सरेंडर
करना
होगा।
कल
से
कांबिंग
ऑपरेशन
शुरू
होगा
और
किसी
के
पास
हथियार
मिलेंगे
तो
बड़ी
कार्रवाई
की
जाएगी।
केंद्र
ने
भेजी
डॉक्टरों
की
टीम
अमित
शाह
ने
कहा
कि
केंद्र
सरकार
ने
राज्य
में
हिंसा
के
पीड़ितों
को
सहायता
प्रदान
करने
के
लिए
मणिपुर
को
20
डॉक्टरों
सहित
चिकित्सा
विशेषज्ञों
की
8
टीमें
प्रदान
की
हैं।
5
टीमें
पहले
ही
यहां
पहुंच
चुकी
हैं
और
3
अन्य
रास्ते
में
हैं।
मणिपुर
में
हिंसा
क्यों
हो
रही
है?
मणिपुर
में
हिंसा
की
वजह
यहां
के
मैतेई
समुदाय
को
अनुसूचित
जनजाति
का
दर्जा
देना
है।
मणिपुर
में
मैतेई
समुदाय
बहुसंख्यक
वर्ग
में
आता
है,
लेकिन
इन्हें
अनुसचित
जनजाति
का
दर्जा
दे
दिया
गया
है।
जिसका
कुकी
और
नागा
समुदाय
के
लोग
विरोध
कर
रहे
हैं।
हिंसा
की
दूसरी
वजह
है,
सरकारी
भूमि
सर्वेक्षण।
राज्य
की
बीजेपी
सरकार
आरक्षित
वन
क्षेत्र
खाली
करवा
रही
है।
आदिवासी
ग्रामीणों
से
आरक्षित
वन
क्षेत्र
खाली
करवाया
जा
रहा
है।