राम मंदिर पर अध्यादेश की मांग तेज, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मिले अमित शाह
नई दिल्ली। अयोध्या विवाद पर सुनवाई की तारीख टलने के बाद एक बार फिर से इस मुद्दे पर सियासी हलचल बढ़ गई है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आरएसएस के मुखिया मोहन भागवत से मुलाकात की है। आज उन्होंने भयंदर में चल रही आरएसएस की एग्जेक्युटिव मीट के दौरान मोहन भागवत सहित कई आरएसएस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की है। माना जा रहा है कि यह मुलाकात राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने को लेकर है।
लोगों को दुख है
राम मंदिर निर्माण को लेकर आरएसएस के संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य ने कहा कि राम मंदिर निर्माण में देरी हिंदुओं के लिए काफी दुखदायी है। जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई को जनवरी तक के लिए टाला है उससे लोगों को दुख है। आरएसएस और अमित शाह के बीच मुलाकात के बीच मुलाकात के पहले दिन राम मंदिर निर्माण को लेकर कई विकल्पों पर चर्चा की गई। इस बैठक में आरएसएस के शीर्ष नेता और भाजपा के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। साथ ही इस बैठक में विश्व हिंदू परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय मजदूर संघ और भारतीय किसान संघ ने भी हिस्सा लिया।
2019 से पहले की उम्मीद छोड़ दी
वरिष्ठ भाजपा नेता और बजरंग दल के संस्थापक सदस्य विनय कटियार ने कहा कि उन्होंने अब इस बात की उम्मीद छोड़ दी है कि 2019 से पहले राम मंदिर का निर्माण शुरू हो सकता है। उन्होंने कहा कि हम लोगों को बेवकूफ नहीं बनाना चाहते हैं, राम मंदिर का निर्माण 2019 के चुनाव से पहले नहीं हो सकता है, अब इसके निर्माण के लिए अध्यादेश लाने का समय खत्म हो चुका है। अगर अब ऐसा किया जाता है तो यह हास्यास्पद होगा। वहीं राज्यसभा सांस
प्राइवेट मेंबर बिल
राकेश सिन्हा ने कहा कि वह राम मंदिर निर्माण के लिए संसद में प्राइवेट मेंबर बिल पेश करेंगे। साथ ही भाजपा के चार सांसद गोपाल शेट्टी, उदित राज. रूपा गांगुली और किरीट सोमैया ने पहले ही इस बिल का समर्थन करने का आश्वासन दिया है।आपको बता दें कि राम मंदिर का मसला जनवरी माह से पहले कोर्ट में नहीं सुना जाएगा, ऐसे में भाजपा के पास एक ही विकल्प बचा है कि वह इसके निर्माण के लिए अध्यादेश लेकर आए।
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