भारत की आजादी में कांग्रेस का बड़ा योगदान है लेकिन......अमित शाह ने इतिहास लेखन को लेकर कही बड़ी बात
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश की आजादी पर लिखी गई एक पुस्तक के विमोचन के मौके पर कहा कि देश की आजादी में कांग्रेस की अगुवाई वाले स्वतंत्रता आंदोलन की बड़ी भूमिका है। लेकिन, बाकियों ने कुछ नहीं किया, यह कहना गलत है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को माना है कि देश की स्वतंत्रता में कांग्रेस की अगुवाई वाले आंदोलन का बहुत बड़ा योगदान रहा है। लेकिन, इसके साथ ही उन्होंने ऐसी बात कह दी है, जो विपक्षी दल को शायद ही पसंद आएगी। उन्होंने कहा है कि देश की आजादी में कांग्रेस के योगदान का मतलब यह नहीं है कि यह नरेटिव फैलाई जाए कि देश की आजादी के आंदोलन में दूसरों की कोई भूमिका ही नहीं थी। गृहमंत्री ने नई दिल्ली में एक पुस्तक के विमोचन के मौके पर कहा है कि आने वाली पीढ़ियों को यह बताना भी जरूरी है कि देश की आजादी में और लोगों, संगठनों और मार्गों ने भी रोल निभाया था।
देश
की
स्वतंत्रता
में
अन्यों
के
योगदान
पर
बोले
अमित
शाह
केंद्रीय
गृहमंत्री
अमित
शाह
ने
बुधवार
को
संजीव
सान्याल
की
लिखी
किताब
'रिवॉलूशनरी,
दि
अदर
स्टोरी
ऑफ
हाउ
इंडिया
वन
इट्स
फ्रीडम'
के
विमोचन
के
मौके
पर
भारतीय
स्वतंत्रता
संघर्ष
को
लेकर
गंभीर
टिप्पणी
की
है।
उन्होंने
कहा
है
कि
पुस्तक
की
टाइटल
में
'अदर
स्टोरी'
ही
इसका
पूरा
सार
है,
जिसमें
स्वतंत्रता
संघर्ष
में
विभिन्न
लोगों
के
योगदानों
को
अन्य
दृष्टिकोण
से
पेश
किया
गया
है।
आजादी
में
अहिंसक
आंदोलन
का
बड़ा
योगदान-शाह
उन्होंने
कहा,
'
रिवॉलूशनरी,
दि
अदर
स्टोरी
ऑफ
हाउ
इंडिया
वन
इट्स
फ्रीडम'
में
'अदर
स्टोरी'
इस
पुस्तक
का
सार
है।
क्योंकि,
एक
नरेटिव
के
तहत
एक
कहानी
जनता
के
बीच
स्थापित
की
गई
है।
एक
दृष्टिकोण
जनता
के
बीच
इतिहास
लिखकर,
शिक्षा
के
माध्यम
से,
किवदंतियों
के
जरिए
थोपा
गया
है।
जो
नजरिया
थोपा
गया
है,
मैं
नहीं
कहता
कि
अहिंसक
आंदोलन
का
स्वतंत्रता
संघर्ष
में
कोई
रोल
नहीं
है,
या
यह
इतिहास
का
हिस्सा
नहीं
है।
यह
इतिहास
का
हिस्सा
है
और
इसका
बहुत
बड़ा
योगदान
है।'
'और
किसी
ने
योगदान
नहीं
दिया,
यह
नरेटिव
सही
नहीं
है'
यह
कहते
हुए
कि
इसमें
विभिन्न
लोगों
और
संगठनों
का
योगदान
था,
गृहमंत्री
बोले
कि
स्वतंत्रता
सभी
का
'सामूहिक'
परिणाम
था।
उनके
मुताबिक,
'देश
की
आजादी
में
कांग्रेस
की
अगुवाई
वाले
आंदोलन
का
बहुत
बड़ा
योगदान
है।
लेकिन,
और
किसी
ने
योगदान
नहीं
दिया,
यह
नरेटिव
सही
नहीं
है।
क्योंकि,
अगर
हम
देश
की
आजादी
का
एनालिसिस
करते
हैं,
तो
ढेर
सारे
लोगों
ने,
ढेर
सारे
संगठनों
ने,
विचारधाराओं
और
ढेर
सारे
मार्गों
ने
लक्ष्य
तक
पहुंचने
के
लिए
प्रयास
किए
थे।
भारत
की
स्वतंत्रता
इन
सभी
का
सामूहिक
फल
है।'
उन्होंने कहा कि 'मुझे लगता है कि सान्याल जी की ये पुस्तक उस नरेटिव में एक स्वतंत्र विचार को लोगों के सामने रखने का काम करेगा। यह बहुत उपयोगी है, कम से कम आने वाली पीढ़ियों के लिए। ' उनके मुताबिक, 'इतिहास को बारीकी से पढ़ना और इतिहास का जो संदेश है, वह आने वाली पीढ़ियों तक सटीकता के साथ पहुंचे यह हर पीढ़ी का दायित्व होता है। ' उन्होंने कहा है कि यह काम संजीव सान्याल ने बहुत ही जिम्मेदारी के साथ किया है। (इनपुट-एएनआई)
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