Karnataka Floor Test: कांग्रेस-जेडीएस के 20 लिंगायत विधायक आज पलट सकते हैं पासा, ये है बड़ी वजह
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नई दिल्ली। कर्नाटक में सरकार गठन का आज काफी अहम दिन है। सुप्रीम कोर्ट ने येदुरप्पा सरकार को शाम 4 बजे विधानसभा के भीतर अपना बहुमत साबित करने को कहा है। ऐसे में येदुरप्पा के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि वह किस तरह से सदन के भीतर अपना बहुमत साबित करते हैं। हालांकि उन्होंने दावा किया है कि वह सदन के भीतर 101 फीसदी अपनी बहुमत साबित करेंगे। लेकिन कांग्रेस ने उनके दावे को खारिज करते हुए कहा है कि उनके पास 116 विधायकों का समर्थन है, लिहाजा उनकी ही सरकार प्रदेश में बनेगी। इन तमाम सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस-जेडीएस के भीतर 20 लिंगायत विधायकों पर हर किसी की नजर रहेगी।
क्रॉस वोटिंग में अहम है भूमिका
कांग्रेस और जेडीएस के भीतर कुल 20 लिंगायत विधायक हैं, ऐसे में इन विधायकों पर आज हर किसी की नजर रहेगी कि ये सभी विधायक मिलकर कांग्रेस-जेडीएस के गठबंधन को अपना मत देते हैं या फिर भाजपा के पाले में जाते हैं। भाजपा को इस बात का भरोसा है कि ये सभी लिंगायत विधायक क्रॉस वोटिंग करेंगे और उसकी सरकार को बचाएंगे। इन विधायकों के सामने भी यह बड़ी चुनौती है कि जब सदन के भीतर विश्वास मत डाला जाएगा तो वह किसके पाले में जाते हैं।
आसान नहीं होगा येदुरप्पा के खिलाफ जाना
सदन के भीतर फ्लोर टेस्ट के दौरान इन विधायकों के जेहन में यह जरूर होगा कि उनके फैसले के बाद उनका राजनीतिक भविष्य क्या होगा। अगर ये विधायक येदुरप्पा का साथ नहीं देते हैं तो मुमकिन है कि आने वाले समय में लिंगायत समुदाय उन्हें इसकी सजा दे क्योंकि येदुरप्पा को लिंगायत का सबसे बड़ा नेता माना जाता है। ऐसे में अगर ये विधायक उन्हें अपना समर्थन नहीं देते हैं तो उनपर इसका दोष जाएगा कि उन्होंने लिंगायत के सबसे बड़े नेता को मुख्यमंत्री बनने से रोका।
2019 को भी रखना होगा ध्यान में
कर्नाटक में चुनाव के दौरान लिंगायत का मुद्दा कांग्रेस के लिए काफी भारी पड़ा और पार्टी के चार शीर्ष लिंगायत नेताओं को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। येदुरप्पा ने बतौर मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद तमाम विधायकों से अपील की थी कि वह अपनी अंतर्आत्मा की आवाज को सुने और शनिवार को अपना वोट दें। इन नेताओं के दिमाग में 2019 का लोकसभा चुनाव भी होगा, ऐसे में अगर ये विधायक येदुरप्पा के खिलाफ वोट करते हैं तो लोकसभा चुनाव के दौरान इ्न्हे इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। आपको बता दें कि कांग्रेस में कुल 18 लिंगायत विधायक हैं, जबकि जेडीएस के पास 2 लिंगायत विधायक हैं।