Loksabha Election: अखिलेश यादव ने 2024 के लिए कांग्रेस को दी सलाह, 'पहले यह तय कर लीजिए...'
अखिलेश यादव ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को सलाह देते हुए कहा कि पहले उन्हें यह तय करना चाहिए कि उनकी इस चुनाव में भूमिका क्या होगी
Loksabha Election: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों ने अभी से अपनी तैयारी कर दी है। हालांकि पहले कयास लगाए जा रहे थे कि इश बार शायद विपक्ष एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ अलग रणनीति तैयार करने में जुटा है। लेकिन क्षेत्रीय दलों ने जिस तरह से कांग्रेस से दूरी बनानी शुरू कर दी है उसके बाद विपक्षी एकता को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने एक बार फिर से कांग्रेस की आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति पर सवाल खड़ा करते हुए पार्टी को एक सलाह दे डाली है। अखिलेश यादव ने कांग्रेस पार्टी को सलाह दी है कि वह पहले यह तय करें कि 2024 में उनकी क्या भूमिका होगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को को 2024 के लोकसभा चुनाव में हराना चाहिए। कांग्रेस और कई अन्य दलों को इसके लिए अपनी भूमिका को तय करना चाहिए। कांग्रेस को यह फैसला लेना चाहिए कि आगामी चुनाव में उनकी क्या भूमिका होगी। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव कोशिश कर रहे हैं, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन कोशिश कर रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोशिश कर रही हैं। गठबंधन को लेकर नाम का फैसला बाद में होगा।
इस साल तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं, साथ ही अगले साल लोकसभा चुनाव हैं। ऐसे में विपक्षी दल लगातार अपनी रणनीति तैयार करने में जुटे हैं। अखिलेश यादव ने एक बार फिर से इस बात को दोहराया है कि उत्तर प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा सभी सीटों पर हारेगी। बता दें कि कोलकाता में समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई, इस बैठक में शिवपाल यादव, जया बच्चन, समेत 20 राज्यों के सपा मुखिया समेत कई नेता भी पहुंचे। अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव के अहम मुद्दे महंगाई, बेरोजगारी है।
अखिलेश यादव ने कहा कि 2024 के लिए आप इसे तीसरा मोर्चा कह सकते हैं, लेकिन मुद्दा यह नहीं है। मुख्य मुद्दा महंगाई का है। किसानों का जीवन बर्बाद हो गया है। भाजपा उन्हें सपने दिखाती है। लेकिन युवाओं को रोजगार कब मिलेगा। बता दें कि सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कोलकाता में 11 साल के बाद हुई है।