जेडीयू-लोजपा के बाद अब एक और सहयोगी दल ने NRC-CAA पर बढ़ाई बीजेपी की मुश्किल
नई दिल्ली। संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर विपक्ष ही नहीं, एनडीए के घटक दलों में भी असंतोष की खबरें सामने आ रही हैं। बिहार के सीएम और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं वे राज्य में एनआरसी लागू नहीं करेंगे। वहीं, लोजपा भी संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हो रहे प्रदर्शन पर कह चुकी है कि केंद्र सरकार समाज के एक बड़े वर्ग का भ्रम दूर करने में विफल रही है। इन दोनों दलों के अलावा अकाली दल भी एनआरसी के पक्ष में नहीं है।
इस एक्ट में मुसलमानों को भी शामिल किया जाए- गुजराल
अकाली दल के नेता नरेश गुजराल ने कहा कि वे एनआरसी के पक्ष में नहीं और सुखबीर सिंह बादल ने इस बात को सदन में रखते हुए गृहमंत्री अमित शाह से अपील की है कि इस एक्ट में मुसलमानों को भी शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि एनडीए की बैठक में नागरिकता कानून जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा ना होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसी कारण कई घटक एनआरसी और संशोधित नागरिकता कानून के मुद्दे पर दुखी हैं।
सुखबीर सिंह बादल भी मुस्लिमों को CAA में शामिल करने की कर चुके हैं अपील
नरेश गुजराल ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि उनके समय में सभी घटक दल खुश थे और हर पार्टी को सम्मान मिलता था। गुजराल ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के उस अंदाज को अरुण जेटली ने समझा था। उन्होंने इस मुद्दे पर कहा कि सरकार का रुख इस बात पर निर्भर करेगा कि पार्टी इस मुद्दे पर साथ रहेगी या नहीं। इसके पहले, सुखबीर सिंह बादल ने भी मुसलमानों को सीएए में शामिल करने की अपील की थी।
बिहार में एनआरसी लागू नहीं करेंगे नीतीश कुमार
संशोधित नागरिकता कानून पर बीजेपी के सहयोगी दल जदयू में भी घमासान मचा है। सदन में इसके पक्ष में वोट करने के बाद पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और पार्टी प्रवक्ता पवन वर्मा ने नाराजगी जाहिर की थी। वहीं, मुस्लिम समुदाय द्वारा इसका विरोध करने पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा, 'हम समाज के हर वर्ग के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं आपसे एक दूसरे के लिए सद्भाव, बंधुत्व और सम्मान बनाए रखने की अपील करता हूं। मैं गारंटी देता हूं कि अल्पसंख्यकों के साथ कोई गलत नहीं किया जाएगा।' उन्होंने कहा कि एनआरसी को वे बिहार में लागू नहीं करेंगे।