क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

AK-203 Assault Rifles: क्या है AK-47 के नए अवतार की विशेषता ? जानिए

Google Oneindia News

नई दिल्ली, 23 अगस्त: भारत को जल्द ही रूस से 70,000 एके-203 एसॉल्ट राइफल मिलने का रास्ता साफ हो गया है। एके सीरीज की मशहूर एसॉल्ट राइफलों में यह बहुत ही अत्याधुनिक हथियार है और आने वाले वर्षों में यह भारतीय सेना के जवानों का मूल हथियार बनने वाला है। संभावना है कि केंद्रीय सुरक्षा बलों को भी इसी सीरीज के एसॉल्ट राइफलों से लैस किया जाएगा। बड़ी बात ये है कि करीब सात लाख एके-203 एसॉल्ट राइफलों का निर्माण मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत में ही होना है, जो सस्ता भी होगा और 100 फीसदी सटीक भी। आइए एके-47 के इस नए अवतार की विशेषताओं के बारे में जानते हैं।

क्या है एके-47 के नए अवतार की विशेषता ?

क्या है एके-47 के नए अवतार की विशेषता ?

एके सीरीज की राइफल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह कभी भी जाम नहीं होता। जलवायु की किसी भी मुश्किल परिस्थितियों में भी यह प्रभावी है, चाहे रेतीले मैदान हों या मिट्टी से भरे इलाके या फिर पानी वाला क्षेत्र। एके-203 एसॉल्ट राइफल इस फिल्ड के दिग्गज एके-47 का ही अत्याधुनिक अवतार है। जब यह भारतीय सेना को पूरी तरह से उपलब्ध हो जाएगा तो यह जवानों का मूल हथियार होगा। केंद्रीय सुरक्षा बलों को भी यह एसॉल्ट राइफल दिया जा सकता है। इस अत्याधुनिक एसॉल्ट राइफल की डिजाइनिंग इस तरह से की गई है कि इसका बटस्टॉक फोल्डिंग और एडजस्टेबल है और इसे अपने सुविधा के मुताबिक इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें नाटो ग्रेड के 7.62 एमएम के गोला-बारूद इस्तेमाल हो सकते हैं, जो कि इस राइफल को बहुत ही ताकतवर बनाता है।

1 मिनट में 600 बुलेट दागने की क्षमता

1 मिनट में 600 बुलेट दागने की क्षमता

एके-203 एसॉल्ट राइफल की मैगजीन में 30 बुलेट लोड हो सकते हैं और यह 400 मीटर तक की रेंज तक प्रभावी फायर कर सकता है,वह भी 100% सटीकता के साथ। यह इंसास राइफल से हल्के भी होते हैं और छोटे भी। इसमें अंडरबैरल ग्रेनेड लॉन्चर लगाया जा सकता है और संगीन भी फिट किया जा सकता है; और सबसे बड़ी बात ये है कि इसमें तुरंत अलग किए जा सकने वाले सायलेंसर भी जोड़े जा सकते हैं। यह ऐसा राइफल है, जिससे एक मिनट में 600 बुलेट दागी जा सकती हैं यानी हर सेकेंड में 10 बुलेट। इसे ऑटोमेटिक और सेमीऑटोमेटिक दोनों मोड में इस्तेमाल किया जा सकता है।

इस्तेमाल में आसान और सस्ता है यह राइफल

इस्तेमाल में आसान और सस्ता है यह राइफल

एके-203 एसॉल्ट राइफल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह इस्तेमाल में आसान, भरोसेमंद और तुलनात्मक रूप से काफी सस्ते हैं। इस राइफल को सबसे पहले 2010 में विकसित किया गया था। शुरुआत में इसे एके-103एम नाम दिया गया था, लेकिन 2018 में इसका नया नामांकरण एके-203 के नाम से किया गया। इसे रूस की कलाशिनिकोव कंपनी ने पहले 2009-11 में डिजाइन किया था, फिर इसे 2016-18 में सुधार के साथ डिजाइन किया। इसकी बैरल की लंबाई 415 एमएम है। इसकी साइट रेंज 800 मीटर तक है।

इसे भी पढ़ें- 70,000 AK-203 की सप्लाई करेगा रूस, भारत में बनेंगे कितने असॉल्ट राइफल ? जानिएइसे भी पढ़ें- 70,000 AK-203 की सप्लाई करेगा रूस, भारत में बनेंगे कितने असॉल्ट राइफल ? जानिए

करीब 5,125 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान

करीब 5,125 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान

रूसी एके सीरीज की एसॉल्ट राइफलों की विश्वसनीयता हमेशा से एक मुख्य विशेषता रही है और इस राइफल के साथ भी यह लागू होती है। भारत में कलाशिनिकोव एसॉल्ट राइफल के निर्माण को लेकर भारत और रूस के बीच कुछ मतभेद थे, जिसे हाल ही में दूर किया गया है और 6.7 लाख से ज्यादा राइफल भारत में बनने का रास्ता साफ हुआ है। इसका निर्माण इंडो-रशियन प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी करेगी। इसके लिए रूस से भारत को ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी किया जाएगा। इसके निर्माण पर करीब 5,125 करोड़ रुपये की लागत आने वाली है।

English summary
The new and state-of-the-art incarnation of the AK-47 is the Russian AK-203 assault rifle. This rifle is easy to use and cheap too
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X