Air Strike: सिर्फ सात लोगों को मालूम था कि एयरफोर्स आधी रात को पाकिस्तान में क्या करेगी
नई दिल्ली। 26 फरवरी को सुबह 3:40 मिनट से 3:53 मिनट तक पाकिस्तान के बालाकोट में इंडियन एयरफोर्स ने हवाई हमले किए। इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया और करीब 350 आतंकियों को ढेर किया गया। ये वे आतंकी थे जो भारत में बड़े पैमानें पर सुसाइड अटैक्स की साजिश कर रहे थे। इन हवाई हमलों के साथ ही भारत ने 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ कॉन्वॉय पर हुए आतंकी हमले का बदला भी ले लिया। लेकिन भारत ऐसा कुछ करेगा इस बारे में सिर्फ सात लोगों को मालूम था और ये सात लोग हर पल इस ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए थे। इंटेलीजेंस अधिकारियों की मानें बालाकोट के मरकज और मानशेरा में स्थित जैश के ठिकानों पर हुए इस हमले में 325 आतंकी और उनकी भर्ती करने वाले शामिल थे।
अगले दिन से शुरू हुई प्लानिंग पर चर्चा
हमले पर चर्चा पुलवामा आतंकी हमले के अगले दिन यानी 15 फरवरी को ही शुरू हो गई थी। इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स ने कई सीनियर इंटेलीजेंस ऑफिसर्स के हवाले से लिखा है कि कई राउंड तक मीटिंग चली। इसमें हमले की सारी प्लानिंग हुई। इस मीटिंग में ही तय हो गया था कि भारत, पुलवामा आतंकी हमले का जवाब देगा। सूत्रों के मुताबिक 14 फरवरी को इंटेलीजेंस एजेंसी रॉ को यह जिम्मेदारी गई कि वह पाकिस्तान में जैश के ठिकानों की पहचान करे। रॉ ने जैश के छह टारगेट्स के बारे में बताया जिसमें बालाकोट का नाम सबसे ऊपर था। बालाकोट जैश का सबसे पुराना ट्रेनिंग कैंप है। इस कैंप को जैश सरगना मौलाना मसद अजहर का साल युसूफ अजहर चला रहा था।
18 फरवरी को पीएम मोदी ने दी मंजूरी
सूत्रों के मुताबिक बालाकोट, भारत के संभावित टारगेट में टॉप पर था। यहां पर एक हमला जैश को कड़ा संदेश देने के लिए काफी था। 18 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयर स्ट्राइक की मंजूरी दी। इंटेलीजेंस ऑफिसर्स की मानें तो सिर्फ सात लोगों को हमले की जानकारी थी। ये सात लोग थे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (एनएसए) अजित डोवाल, तीनों सेनाओं के प्रमुख, रॉ और इंटेलीजेंस ब्यूरों के मुखिया। 22 फरवरी से इंडियन एयरफोर्स के फाइटर जेट्स ने अलग-अलग एयरबेसेज से रात में सॉर्टीज शुरू कीं ताकि पाकिस्तान को कन्फ्यूज किया जा सके
25 फरवरी की शाम हमले पर फैसला
25 फरवरी को इंटेलीजेंस इनपुट्स से पता लगा कि बड़ी संख्या में जैश के आतंकी बालाकोट कैंप में मौजूद हैं। इन आतंकियों की संख्या 300 से 350 बताई गई। इसी शाम इस बात पर फैसला लिया गया कि हमला तुरंत करना होगा। पीएम मोदी को देर शाम जानकारी मिली कि अगले कुछ घंटों में हमला हो सकता है। पीएम मोदी पूरी रात जाग रहे थे और उनके साथ एनएसए डोवाल, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुचा एडमिरल सुनीला लांबा और वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल बीएस धनोआ भी जागे हुए थे। ये सभी हमले के बाद पाक की ओर से तुरंत जमीन या फिर पानी से होने वाले हमले की संभावना से पैदा होने वाली स्थिति पर नजर रखे थे। करीब 11 मिराज फाइटर जेट्स को हमले के लिए प्रयोग किया गया। ऑपरेशन के लिए जेट्स के टेक ऑफ होने से टचडाउन करने तक ऑपरेशन की अवधि करीब दो से ढाई घंटे तक थी।
सारे जेट्स ने 1:30 बजे किया टेक ऑफ
फाइटर जेट्स ने 26 फरवरी की रात 1:30 बजे टेक ऑफ किया। मिराज ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी तो सुखोई ने अलग-अलग बेसेज से टेक ऑफ किया। सभी जेट्स ने सुरक्षित अपनी सीमा में सुबह चार बजे सफल लैंडिंग की। इसके तुरंत बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को ऑपरेशन के बारे बताया गया। सुरक्षा पर बनी कैबिनेट कमेटी को इसके बारे में ब्रीफ किया गया। भारत इस हमले के बाद पूरी तरह से अलर्ट पर है और पीएम मोदी और उनकी सरकार इस बात को अंदाजा है कि जैश का सरगना अजहर जरूर प्रतिक्रिया देगा।
फिदायीन हमले के कोर्स के लिए आए थे आतंकी
इस हमले में जैश के आतंकी मौलाना युसूफ अजहर के अलावा, मौलाना जावेद, मौलाना अब्दुल गफूर कश्मीरी, मौलाना असलम, मौलाना असलम और मौलाना जुबैर की मिसाइल हमलों में मौत हो गई है। ये सभी जिहादी और सुसाइड बॉम्बर्स के ट्रेनर्स थे। एक सीनियर अधिकारी की ओर से बताया गया है कि हमले के समय जो इंटेलीजेंस रिपोर्ट्स मिली थीं उसके मुताबिक 325 रिक्रूट्स और ट्रेनर्स तीन आतंकी कोर्सेज के लिए यहां पर थे। ये कोर्स थे दौरा-ए-आम, दौरा-ए-खास और दौरा-ए-जरार। पुलवामा हमले के बाद बालाकोटा में ट्रेनिंग के लिए और ज्यादा फिदायीन पहुंचे थे और सोमवार से इनका कोर्स शुरू हुआ था।