एयर इंडिया एक्सप्रेस प्लेन क्रैश: जिंदा बचे यात्रियों ने पायलट को कहा थैंक्यू, बोले- उन्होंने हमारी जिंदगी बचा ली
कोझीकोड। शुक्रवार को केरल के काझीकोड के कारीपुर एयरपोर्ट पर भयानक हादसा हुआ। यहां पर दुबई से लौट रही फ्लाइट भारी बारिश की वजह से रनवे से फिसल कर दो टुकड़ों में बंट गई। अब तक हादसे में 20 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल है। हादसा बहुत ही डरावना था लेकिन एविएशन एक्सपर्ट्स और कई लोग इस बात के लिए भगवान का शुक्रिया अदा कर रहे हैं कि प्लेन में आग नहीं लगी। यात्री अब बहादुर पायलट को थैंक्यू बोल रहे हैं जिन्होंने उनकी जिंदगी बचा ली। दुर्भाग्य से हादसे में फ्लाइट के कैप्टन दीपक वसंत साठे और को-पायलट अखिलेश कुमार दोनों की ही मृत्यु हो गई।
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कैप्टन साठे उड़ा रहे थे प्लेन
एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट AXB1344, B737 को उड़ाने वाले कैप्टन साठे, इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के बेहतरीन पायलट्स में से एक थे। मिग-21 जैसे जेट्स उड़ा चुके कैप्टन साठे साल 2003 में आईएएफ से विंग कमांडर के पद से रिटायर हुए थे। वह साल 1981 में कमीशंड हुए थे। एयर इंडिया से जुड़ने से पहले वह हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के टेस्ट पायलट भी रह चुके हैं। शुक्रवार को एयर इंडिया का जो प्लेन क्रैश हुआ है वह बोइंग-737 था। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के मुताबिक दुबई से कालीकट इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंडिंग के लिए रेडी इस फ्लाइट में 190 यात्री और छह क्रू मेंबर्स सवार थे जिसमें 10 नवजात शिशु भी शामिल हैं।
पायलट की वजह से टला बड़ा हादसा
जो लोग जिंदा बच गए हैं वो पहले पायलट और फिर भगवान का शुक्रिया अदा कर रहे हैं। उनका कहना है कि बहादुर पायलट और अलर्ट स्थानीय लोगों की वजह से एक बड़ा हादसा होने से टल गया। उन्होंने बताया है कि हादसे के तुरंत बाद लोग घटनास्थल की तरफ भागने लगे और लोगों की मदद के लिए आगे आ गए। उन्होंने प्लेन से निकलते हल्के धुंए और आग की भी चिंता नहीं की। एक यात्री वी इब्राहिम ने बताया, 'बारिश बहुत तेज थी। पायलट ने लैंडिंग से पहले वॉर्निंग दी थी कि मौसम बहुत खराब है। उन्होंने दो बार सुरक्षित लैंडिंग की कोशिश भी की लेकिन नियंत्रण खो दिया। एयरक्राफ्ट रनवे से उछल गया और फिसल कर दो टुकड़ों में बंट गया। कई लोगों के लिए इस हादसे में बचना किसी चमत्कार से कम नहीं है।' इब्राहिम को बहुत कम चोटें आई हैं।
मिग-21 जैसे जेट्स उड़ा चुके थे साठे
सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक कैप्टन साठे मिग-21 जैसे फाइटर जेट्स को उड़ा चुके थे। उनकी पोस्टिंग हरियाणा के अंबाला में उसी 17वीं स्क्वाड्रन यानी गोल्डन एरो के साथ भी हुई है जिसका हिस्सा 29 जुलाई को राफेज जेट बने हैं। इसी स्क्वाड्रन ने सन् 1999 में कारगिल की जंग में दुश्मन को मुंहतोड जवाब दिया है। कैप्टन साठे ने एयरफोर्स एकेडमी में इंस्ट्रक्टर के तौर पर भी अपने रोल को बखूबी निभाया था। उनके परिवार में उनकी पत्नी सुषमा के अलावा दो बेटे हैं। साठे एक बेहतरीन फाइटर पायलट थे और उनके पास कई घंटों की फ्लाइंग का अनुभव था। कैप्टन साठे एयर इंडिया के लिए एयरबस 310 भी उड़ा चुके थे। इसके बाद उन्हें एयर इंडिया एक्सप्रेस की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वह नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) के 58वें कोर्स से पासआउट थे और जूलियट स्क्वाड्रन का हिस्सा थे
एक दशक पहले हुआ था दर्दनाक हादसा
साल 2010 के बाद से यह एयर इंडिया के लिए सबसे खराब हादसा है। उस समय भी एयर इंडिया एक्सप्रेस की दुबई से मैंगलोर लौट रही फ्लाइट इसी तरह से रनवे से फिसल कर पहाड़ी के नीचे गिर गई थी। उस हादसे में प्लेन में सवार सभी 158 लोगों की मौत हो गई थी। क्रैश में 32 साल के को-पायलट अखिलेश कुमार की भी मृत्यु हो गई है। कैप्टन अखिलेश की हाल ही में शादी हुई थी। एविएशन एक्सपर्ट्स के मुताबिक कर्नाटक का मेंगलुरु और केरल का कालीकट रनवे बहुत ही खतरनाक है। बारिश या ऐसे खराब मौसम में यहां पर लैंडिंग बहुत ही मुश्किल हो जाती है। जिस एयरपोर्ट पर हादसा हुआ है वहां पर अक्सर आईएएफ के हेलीकॉप्टर और दूसरे एयरक्राफ्ट की लैंडिंग भी होती है।