मुश्किल वक्त में भारत के साथ दोस्ती निभा रहा फ्रांस, राफेल विमान के बाद अब भेजे ये जरूरी सामान
नई दिल्ली: भारत इन दिनों कई चुनौतियों का सामना एक साथ कर रहा है। एक ओर पूरे देश में कोरोना महामारी फैल चुकी है, तो वहीं दूसरी ओर लद्दाख में सीमा पर चीन आंख दिखा रहा है। भारत के दुश्मनों की लिस्ट में नंबर-1 पाकिस्तान भी लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है। इस मुश्किल वक्त में भारत को अपने करीबी दोस्त फ्रांस का साथ मिला है, जहां फ्रांस ने सोमवार को भारत के लिए 5 राफेल विमान रवाना किए, तो वहीं दूसरी ओर कोरोना से लड़ने के लिए तमाम मेडिकल इक्विपमेंट भेजे।
भारत के लिए भेजे वेंटिलेटर्स
दरअसल फ्रांस और भारत में काफी पुराना रिश्ता है। वहां के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कई बार मुश्किल वक्त में भारत की मदद के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है। हाल ही में उन्होंने कोरोना से लड़ाई में भारत को मेडिकल इक्विपमेंट देने का ऐलान किया था। सोमवार को राष्ट्रपति मैक्रों ने ये वादा पूरा किया। फ्रांस ने विशेष विमान से भारत के लिए 50 Osiris-3 वेंटिलेटर, 70 Yuwell 830 वेंटिलेटर्स, 50 हजार IgG/IgM टेस्ट किट और 50 हजार नोज-थ्रोट स्वैब भेजे हैं। जिससे भारत को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में काफी मदद मिलेगी।
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मदद के लिए भारत का शुक्रिया
मेडिकल सप्लाई रवाना होने के बाद राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्वीट कर लिखा कि फ्रांस जब सार्वजनिक स्वास्थ्य को लेकर मुश्किल दौर से गुजर रहा था, तो भारत और पीएम मोदी ने उनकी मदद की। उस दौरान भारत ने दवाओं के संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने आगे लिखा कि मैं गंभीर रूप से बीमार मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक दवाओं के निर्यात को अधिकृत करने के लिए एक बार फिर आपको धन्यवाद देना चाहता हूं। यह हमारे बीच रणनीतिक साझेदारी को दर्शाता है।
5 राफेल भारत के लिए रवाना
भारतीय वायुसेना (आईएएफ) की फाइटर स्क्वाड्रन के साथ जुड़ने के लिए फ्रांस की के मेरीनैक से पांच राफेल जेट भारत के लिए रवाना हो चुके हैं। पेरिस स्थित भारतीय दूतावास की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई। ये जेट मीडिल ईस्ट में एक स्टॉप लेकर फिर भारत आएंगे। 29 जुलाई को राफेल अंबाला स्थित एयरफोर्स स्टेशन में आईएएफ का हिस्सा बन जाएगा। राफेल का निर्माण डसॉल्ट एविएशन कंपनी करती है।
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चीन को सिखाएगा सबक
अभी पांच राफेल जेट्स आ रहे हैं और माना जा रहा है कि बाकी के जेट्स साल 2022 तक भारत आ जाएंगे। इसकी पहली स्क्वाड्रन अंबाला और दूसरी हाशिमारा एयरबेस तैनात पर रहेगी। यह जगह पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार में है और नॉर्थ बंगाल के तहत आता है। यह जगह बहुत छोटी लेकिन रणनीतिक तौर पर इसकी अहमियत काफी है। हाशिमारा एयरफोर्स स्टेशन, भूटान बॉर्डर के एकदम करीब है। हाशिमारा और तिब्बत की दूरी करीब 384 किलोमीटर है। राफेल जेट कुछ ही मिनटों में तिब्बत के दूसरे सबसे बड़ा शहर शिगात्से का एयरपोर्ट पर लैंड कर सकता है। इसके अलावा तिब्बत की राजधानी ल्हासा की दूरी भी हाशिमारा एयरबेस से करीब 364 किलोमीटर है।
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