झारखंड में बच्चा बेचने के मामले के बाद एक्शन में सरकार, सभी चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन के जांच के दिए आदेश
नई दिल्ली: झारखंड में संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी की एक नन और सिस्टर द्वारा बच्चा बेचने के मामले में हुए खुलासे ने देशभर में नई बहस छेड़ दी है। बच्चा बेचने के इस सनसनीखेज खुलासे के बाद झारखंड पुलिस ने नन को गिरफ्तार लिया था तो वहीं, सवाल उठने लगे थे कि कहीं और भी इस प्रकार के रैकेट तो सक्रिय नहीं है। इसी को लेकर अब सरकार की तरफ से बड़ा कदम उठाया गया है और देशभर में 'मिशनरीज ऑफ चैरिटी' द्वारा चलाए जाने वाले बाल सुविधा गृहों जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन के जांच के आदेश
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने राज्य सरकारों से कहा है कि सभी चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन का पंजीकरण सुनिश्चित करें और एक माह में केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) से जोड़े। इसके अलावा देशभर में 'मिशनरीज ऑफ चैरिटी' द्वारा चलाए जा रहे चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन के जांच के आदेश भी जारी कर दिए।
बुला सकती हैं डब्ल्यूसीडी मंत्रियों की एक बैठक
खबरों के अनुसार, मेनका गांधी ने कारा से जुड़े 2,300 संस्थानों पर अपनी नाराजगी जाहिर की है जिन्होंने बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया को नहीं अपनाया है। इसके लिए केंद्रीय मंत्री 17 जुलाई को सभी राज्यों के डब्ल्यूसीडी मंत्रियों की एक बैठक बुला सकती हैं।
झारखंड में सामने आया था बच्चा बेचने का मामला
झारखंड में सामने आए बच्चा बेचने के मामले में संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी की एक नन और सिस्टर ने कबूल कर लिया था कि उन्होंने 50,000 हजार से 1.20 लाख में शिशुओं को बेचा था। झारखंड पुलिस के एसएसपी आशीष गुप्ता ने बताया कि नन और सिस्टर कोनसिलिया को हिरासत में ले लिया था। रांची पुलिस के सामने कबूल करते हुए सिस्टर कोनसिलिया ने कहा कि उसने 50-50 हजार रुपयों में दो बच्चों को बेचा , जबकि एक बच्चे को 1 लाख 20 हजार में बेचा था।