ऑफिस टूटने पर कंगना रनौत का पहला बयान, कहा- अब देखो, ऐसा दिखता है फासीवाद
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर बेबाकी से अपनी राय रखना अभिनेत्री कंगना रनौत के लिए मुसीबत साबित हो रहा है। बुधवार को बीएमसी ने अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए कंगना रनौत के मुंबई स्थित ऑफिस को तोड़ दिया है। जिसपर कंगना ने आपत्ति जताई है और कहा है कि इसी वजह से उन्होंने पीओके जैसे शब्द का इस्तेमाल किया था। साथ ही महाराष्ट्र सरकार की इस कार्रवाई को उन्होंने लोकतंत्र की मौत करार दिया है। अब अभिनेत्री ने एक और ट्वीट किया है और कहा है कि उनके ऑफिस में कोई अवैध निर्माण नहीं हुआ था।
'कोई अवैध निर्माण नहीं हुआ'
कंगना ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'मेरे घर में कोई अवैध निर्माण नहीं हुआ, साथ ही सरकार ने भी कोविड में 30 सितंबर तक हर तरह की तोड़फोड़ को प्रतिबंधित किया है, बुलीवुड अब देखो, फासीवाद कैसा दिखता है।' इसके साथ ही कंगना ने #DeathOfDemocracy भी लिखा है। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा है, 'मैं कभी गलत नहीं थी और मेरे दुश्मन इसे बार बार साबित भी कर रहे हैं, इसलिए मेरी मुंबई अब पीओके है।' कंगना ने ऑफिस टूटने की तस्वीरें ट्वीट करते हुए 'पाकिस्तान' लिखा। अपने ऑफिस के बाहर की तस्वीरें ट्वीट करते हुए उन्होंने 'बाबर और उसकी सेना' लिखा।
'राम मंदिर फिर टूटेगा'
अपने ऑफिस की पुरानी तस्वीरों के साथ उन्होंने लिखा, 'मणिकर्णिका फिल्म्ज में पहली फिल्म अयोध्या की घोषणा हुई, यह मेरे लिए एक इमारत नहीं राम मंदिर ही है, आज वहां बाबर आया है, आज इतिहास फिर खुद को दोहराएगा राम मंदिर फिर टूटेगा मगर याद रख बाबर यह मंदिर फिर बनेगा यह मंदिर फिर बनेगा, जय श्री राम, जय श्री राम, जय श्री राम।' एक ट्वीट में कंगना ने लिखा है, 'ये मुंबई में मेरा घर है, मैं मानती हूं महाराष्ट्र ने मुझे सब कुछ दिया है, मगर मैंने भी महाराष्ट्रा को अपनी भक्ति और प्रेम से एक ऐसी बेटी की भेंट दी है जो महाराष्ट्रा शिवाजी महाराज की जन्मभूमि में स्त्री सम्मान और अस्मिता के लिए अपना खून भी दे सकती है, जय महाराष्ट्र।'
बीएमसी की हो रही निंदा
कंगना रनौत के वकील ने उनकी संपत्ति में बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के तोड़फोड़ करने के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। वहीं बहुत से लोगों ने ऑफिस तोड़े जाने पर विरोध जताया है। महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बीएमसी की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है, 'आपने एक महिला का घर तोड़ दिया, वो भी जब वो वहां नहीं थी। बीएमसी आपको दो दिन पहले तक पता नहीं था कि यह अवैध है, निश्चित रूप से आप कुछ घंटों के लिए इंतजार कर सकते थे।' साथ में #DeathOfDemocracy भी लिखा है। वकील इशकरण सिंह भंडारी ने भी आपत्ति जताई और इसे लोकतंत्र का काला दिन बताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है, 'यह न्याय की मांग करने वालों की आवाज दबाने की कोशिश है! कंगना रनौत का ऑफिस तोड़ना लोकतंत्र के लिए एक काला दिन है।'
कंगना रनौत का ऑफिस टूटने के बाद ट्रेंड कर रहा #DeathOfDemocracy, देखिए लोगों के रिएक्शन