ABVP ने दिल्ली विश्वविद्यालय के गेट पर लगाई सावरकर की प्रतिमा, शुरू हुआ विरोध
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव से पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने नॉर्थ कैंपस में स्थित आर्ट फैकल्टी के गेट पर बिना इजाजत वीर सावरकर, सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह की प्रतिमा लगा दी। एबीवीपी की इस कदम एनएसयूआई और आईसा ने आलोचना की। इनका कहना है कि सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह के साथ सावरकर को नहीं रखा जा सकता है।
दूसरी ओर एबीवीपी छात्रसंघ के अध्यक्ष शक्ति सिंह ने बताया कि उन्होंने कई बार यूनिवर्सिटी प्रशासन से प्रतिमा स्थापित करने के लिए अनुमति मांगने के लिए संपर्क किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। सिंह ने कहा कि प्रतिमा स्थापित करने के लिए हमने पिछले साल नवंबर में ही प्रशासन से संपर्क किया था और दौबार 9 अगस्त को भी इसकी मंजूरी देने का अनुरोध किया फिर भी कोई जवाब नहीं मिला। जब उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया तो हम यह कदम उठाने के लिए मजबूर हो गए। अब अगर प्रशासन प्रतिमा हटाने की कोशिश करेगा तो हम इसका विरोध करेंगे।
वहीं एनएसयूआई की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अक्षय लाकरा ने एबीवीपी के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि आप सावरकर को भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस के साथ नहीं रख सकते हैं। अगर प्रतिमाएं 24 घंटे के भीतर नहीं हटाई गईं तो हम विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा आईसा की दिल्ली इकाई की अध्यक्ष कवलप्रीत कौर ने भी लाकरा के बयान का समर्थन किया। कौर ने कहा कि वो सावरकर के विचारों को वैधता देने का प्रयास कर रहे हैं। जिस स्थान पर उन्होंने मूर्तियां लगाई हैं वह निजी संपत्ति नहीं है। बल्कि सार्वजनिक जमीन है। फिलहाल इस मामले में विश्वविद्यालय की ओर से कई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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