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पिता का आया फोन, 'बेटा मैं मलबे में दबा हुआ हूं, मेरी मदद करो'

मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ की टीम राहत कार्य में जुटी हुई थी कि तभी इस बिल्डिंग में रहने वाले दर्शन दोषी के मोबाईल फोन की घंटी बजने लगती है।

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नई दिल्ली। मंगलवार को मुंबई के घाटकोपर में एक चार मंजिला इमारत भरभराकर गिर गई। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ की टीम राहत कार्य में जुटी हुई थी कि तभी इस बिल्डिंग में रहने वाले दर्शन दोषी के मोबाईल फोन की घंटी बजने लगती है। यह फोन दर्शन के पिता, राजेश का था। पिता राजेश ने बेटे को फोन कर कहा, 'बेटा, मैं मलबे में दबा हुआ हूं। मेरी सांस चल रही है लेकिन मैं हिल नहीं पा रहा हूं। मेरी मदद करो।'

पिता का आया फोन 'बेटा, मैं मलबे में दबा हुआ हूं, मेरी मदद करो'

मुंबई मिरर की खबर के मुताबिक दर्शन ने पिता की आवाज सुनकर मां को फोन दिया जो काफी देर से अपने पति के लिए परेशान थीं। राजेश ने अपनी पत्नी को बताया, 'मेरे ऊपर एक दीवार गिर गई है जिससे में फंस गया हूं। मैं सांस तो ले पा रहा हूं लेकिन अपने पैर नहीं हिला पा रहा हूं।'

पिता का फोन आने के दर्शन ने तुरंत राहत कार्य में जुटी एनडीआरएफ की टीम को इसकी जानकारी दी। जानकारी मिलने के बाद एनडीआरएफ की टीम राजेश को मलबे से बाहर निकालने में जुट गई। करीब दो घंटे की मशक्क्त के बाद शाम 7:30 बजे राजेश को मलबे से बाहर निकाला गया। बाहर निकलने के बाद राजेश ने भगवान का शुक्रिया अदा किया।

बता दें कि इस दर्दनाक हादसे में तीन साल की बच्ची समेत 17 लोगों की मौत हो गई थी जबकि करीब 15 लोगों को मलबे से सुरक्षित बार निकाला गया।

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English summary
a phonecall saves a life of 50 year old man in ghatkopar building collapse
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