देश के टॉप-10 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं यूपी के ये आठ शहर, जानें सबसे Polluted City
नई दिल्ली, 08 नवंबर। दिवाली के बाद दिल्ली की जहरीली हुई हवा ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। दिल्ली ही नहीं देश के कई बड़े शहरों में दिवाली के बाद एयर क्वालिटी बहुत नीचे गिर गई है और गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। प्रदूषण के कारण धुंध से हुई ढकी हुई दिल्ली की तस्वीर दुनिया भर में चर्चा का विषय बनी हुई लेकिन आपको जानकर ताज्जुब होगा कि भारत के सबसे प्रदूषित शहरों के टॉप शहरों में उत्तर प्रदेश के आठ शहर शामिल हैं। वहीं देश के सबसे प्रदूषित टॉप 5 शहरों में सभी यूपी के ही शहर हैं। जो कि काफी चितंनीय है।
यूपी के 8 शहरों में वायु गुणवत्ता में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है
बता दें एक्यूआई मान जितना अधिक होगा, हवा उतनी ही अधिक प्रदूषण होगा। दिवाली के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के अनुसार यूपी के 8 शहरों में वायु गुणवत्ता में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। यानी शहरों की एयर क्वालिटी का स्तर बहुत खराब श्रेणी में पहुंच चुका है।
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जानें कौन सा शहर है सबसे ज्यादा प्रदूषित
देश
के
सबसे
प्रदूषित
शहरों
की
सूची
में
जो
शहर
शामिल
है
उसमें
टॉप
पर
यूपी
का
वृंदावन
शहर
है
यहां
पर
AQI
477
दर्ज
किया
गया
है।
वहीं
AQI
यूपी
के
बॉडर
का
शहर
गाजियाबाद
देश
का
AQI
466
पहुंच
चुका
है
इसके
साथ
ही
वायु
प्रदूषण
के
मामले
में
गाजियाबाद
ने
नोएडा
को
पछाड़
दिया
है।
नोएडा
में
एक्यूआई
455
है।
दिल्ली
में
हवा
हुई
जहरीली,
बढ़ी
अस्थमा
और
एलर्जी
वाले
मरीजों
की
संख्या
सबसे प्रदूषित टॉप-10 शहरों में शामिल हैं यूपी के ये आठ शहर
देश के सबसे प्रदूषित जिलों में जो यूपी के आठ शहर शामिल हैं उनमें वृंदावन का AQI 477,दूसरे स्थान पर आगरा AQI 469), तीसरे स्थान पर गाजियाबाद AQI 432, चौथे पर कानपुर AQI 430 और पांचवे पर हापुड़ AQI 422, छठवें नंबर पर बागपत AQI 415, सातवें पर जिंद AQI415, आठवें नंबर पर बल्लभगढ़ AQI 414 , नौवें नंबर पर नोएडा AQI 407 और बुलंदशहर AQI 406 के साथ भी टॉप-10 में शामिल हैं. इस लिस्ट में शामिल दो शहर हरियाणा के है बाकी आठ शहर यूपी के हैं।
जानें एक्यूआई मान के बारे में
एक्यूआई मान जितना अधिक होगा, हवा उतनी ही अधिक प्रदूषित होगी। शून्य और 50 के बीच एक्यूआई रीडिंग को 'अच्छा', 51 और 100 को 'संतोषजनक', 101 और 200 को 'मध्यम', 201 और 300 को 'खराब', 301 और 400 को 'बहुत खराब' और 400 से ऊपर को 'गंभीर' माना जाता है।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने क्या कहा
मीडिया से बात करते हुए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि गुरुवार और शुक्रवार की मध्यरात्रि के दौरान प्रदूषण के स्तर में वृद्धि अधिक थी। उन्होंने कहा दिवाली में पटाखा जलाने से प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। शुक्रवार को दिन के दौरान हवा की गति तेज होने और प्रदूषण को कम करने के उपाय अपनाए जाने के बाद स्थिति बेहतर हुई है। विशेषज्ञों ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अधिकांश शहरों में पार्टिकुलेट मैटर 2.5 और 10 प्रमुख वायु प्रदूषक हैं जो दिवाली के दौरान होने वाली मानव गतिविधि में वृद्धि के कारण हो सकते हैं। उन्होंने दावा किया कि पुतले जलाने से हवा की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है लेकिन प्रभाव स्थानीय होता है।