महाराष्ट्र: अलीबाग विधानसभा सीट पर प्रत्याशियों का नाम क्यों बढ़ा रहा है कन्फ्यूजन ?
नई दिल्ली- महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले की अलीबाग विधानसभा सीट पर एक अलग ही कन्फ्यूजन पैदा हो रहा है। यहां जिन उम्मीदवारों ने अबतक अपना नामांकन दाखिल किया है, उनमें से 5 प्रत्याशियों का नाम एक ही है। जाहिर है कि इसके चलते 21 अक्टूबर को वोटिंग के दौरान मतदाताओं में भी काफी कन्फ्यूजन पैदा होने की आशंका है। वैसे अलीबाग के मौजूदा विधायक का दावा है कि यह उनके विरोधियों की रची हुई साजिश है, जो जनता को भ्रमित करके उन्हें सियासी नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। दिलचस्प बात ये है कि पिछले लोकसभा चुनाव में रायगढ़ सीट पर ही एनसीपी उम्मीदवार के सामने ऐसी ही चुनौती आई थी, लेकिन वे अपनी सीट निकालने में कामयाब रहे थे।
नाम एक, प्रत्याशी पांच
पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है कि एक नाम वाले कई उम्मीदवारों ने अलग-अलग पार्टियों से नामांकन का पर्चा भरा है। लेकिन, अलीबाग सीट से नामांकन दर्ज कराने वाले एक नाम वाले चार उम्मीदवार निर्दलीय हैं, जबकि सिर्फ एक ही किसी राजनीतिक पार्टी का आधिकारिक उम्मीदवार है। निर्दलीय उम्मीदवारों के नाम हैं- सुभाष लक्ष्मण पाटिल, सुभाष, जनार्दन पाटिल, सुभाष गंगाराम पाटिल और सुभाष दामोदर पाटिल। जबकि, मंगलवार इसी सीट से यहां के मौजूदा विधायक और पीजन्ट्स एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया (पीडब्ल्यूपी) के उम्मीदवार सुभाष पाटिल ने भी पर्चा भरा है। पार्टी यहां कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन के तहत चुनाव मैदान में है।
लोकसभा चुनाव में भी यहां यही हुआ था
इस सीट पर अभी शिवसेना-बीजेपी गठबंधन के उम्मीदवार का नाम सामने आना बाकी ही है। वैसे माना जा रहा है कि यह सीट शिवसेना के खाते में जाने वाली है। पिछले लोकसभा चुनाव में रायगढ़ लोकसभा सीट पर ही एनसीपी के सुनील दत्तात्रेय ठाकरे को भी नामों के इसी संकट से गुजरना पड़ा था, जो अभी पीडब्ल्यूपी उम्मीदवार को भुगतना पड़ रहा है । तब भी एनसीपी प्रत्याशी के नाम वाले ही दो और उम्मीदवार भी मैदान में थे। सुनील पांडुरंग ठाकरे और सुनील सखाराम ठाकरे। हालांकि, फिर भी एनसीपी उम्मीदवार शिवसेना नेता अनंत गीते को हराकर चुनाव जीते में कामयाब रहे थे।
विरोधियों की साजिश- सुभाष प्रभाकर पाटिल
इस बीच विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार सुभाष प्रभाकर पाटिल को लग रहा है कि उनकी निश्चित जीत से घबराकर उनके राजनीतिक विरोधी गंदी राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने एचटी को बताया है कि, 'कल तक मेरे ही नाम के चार निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपना नामांकन भरा है और मेरी जानकारी के मुताबिक इसी नाम से और प्रत्याशी भी पर्चा दाखिल करने वाले हैं, लेकिन मैं इन सब चीजों की परवाह नहीं करता।' उन्होंने ये भी कहा कि, 'मैं किसी भी पार्टी या व्यक्ति का नाम नहीं लेना चाहता, लेकिन मुझे जीतने से रोकने के लिए मेरे विरोधियों का यह एक पैंतरा है। लेकिन, इस सबसे कुछ भी नहीं होगा, क्योंकि मेरे मतदाता मेरे चुनाव निशान को पहचानते हैं और प्रचार के दौरान मैं उन्हें इसके बारे में निश्चित तौर पर बताऊंगा भी।' महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को वोट पड़ेंगे और 24 तारीख कोे वोटों की गिनती होगी।
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