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आज ही के दिन जम्‍मू कश्‍मीर बना था भारत का हिस्‍सा, जानिए क्‍या हुआ था तब

पाकिस्‍तान की ओर से घुुसपैठियों के भेजे जाने के बाद 26 अक्‍टूबर 1947 को जम्‍मू कश्‍मीर बना भारत का हिस्‍सा। आज पूरे हुए 69 वर्ष।

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श्रीनगर। आज 26 अक्‍टूबर है और आपको भले ही यह तारीख बाकी तारीखों की तरह लगे लेकिन जम्‍मू कश्‍मीर के लोगों के लिए यह तारीख काफी खास है। 26 अक्‍टूबर 1947 को जम्‍मू कश्‍मीर भारत का हिस्‍सा और देश का एक अभिन्‍न अंग बना था।

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क्‍या हुआ था 69 वर्ष पहले

आज ही के दिन जम्‍मू कश्‍मीर का भारत में विलय हुआ था। विलय तब हुआ जब पाकिस्‍तान की ओर से घुसपैठिए जम्‍मू कश्‍मीर में दाखिल हो चुके थे।

जम्‍मू कश्‍मीर को भारत का हिस्‍सा बने 69 वर्ष पूरे हो चुके हैं। 26 अक्‍टूबर 1947 को उस समय जम्‍मू कश्‍मीर के महाराजाहरि सिंह ने राज्‍य के भारत में विलय के लिए एक कानूनी दस्‍तावेज को साइन किया था।

इस दस्‍तावेज जिसे 'इंस्‍ट्रूमेंट ऑफ एक्‍सेशन' कहा गया, को भारतीय स्‍वतंत्रता कानून 1947 के तहत ही साइन किया गया था।

इसे साइन करते ही महाराजा हरि सिंह जम्‍मू कश्‍मीर को भारत के प्रभुत्‍व वाला राज्‍य मानने पर सहमत हो गए थे। इस विलय के साथ ही इंडियन आर्मी ने जम्‍मू कश्‍मीर में मोर्चा संभाला।

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रात दो बजे श्रीनगर से जम्‍मू पहुंचे महाराजा

महाराजा हरि सिंह 25 अक्‍टूबर की रात दो बजे श्रीनगर से जम्‍मू के लिए रवाना हुए थे। 26 अक्‍टूबर को एक कैबिनेट मीटिंग हुई!

उस मीटिंग में तत्‍कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने कहा कि कश्‍मीर के विलय को लोगों को समर्थन भी मिलना चाहिए। 27 अक्‍टूबर को महाराजा हरि सिंह को एक चिट्ठी भेजी गई।

इस चिट्ठी में उस समय के गर्वनर-जनरल लॉर्ड माउंटबेटन ने जम्‍मू-कश्‍मीर के भारत में विलय को स्‍वीकार कर लिया था।

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जनमत संग्रह न होने की वजह से विवाद

माउंटबेटन ने लिखा था कि उनकी सरकार चाहती है कि जैसे ही राज्‍य से घुसपैठियों को हटाया जाए इस विलय को जनता के मत से मान्‍यता मिले।

तब एक जनमत संग्रह पर राजीनामा हुआ जिसमें कश्‍मीर के भविष्‍य का फैसला होना था। आज इसी जनमत संग्रह ने भारत और पाकिस्‍तान के बीच विवाद पैदा कर दिया है।

भारत का कहना है कि विलय बिना किसी शर्त पर हुआ था और अंतिम था। वहीं पाक इस विलय को धोखा करार देता है।

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English summary
26 October 1947 On this day Jammu Kashmir became the part of India when Maharaja Hari Singh signed the instrument of Accession.
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