इंडिया गेट पर 14 दिसंबर से मनाया जाएगा 1971 युद्ध विजय दिवस, होगा तीन दिवसीय भव्य आयोजन
इंडिया गेट पर 14 दिसंबर से मनाया जाएगा 1971 युद्ध विजय दिवस, होगा तीन दिवसीय भव्य आयोजन
नई दिल्ली, 27 नवंबर। 1971 में हुए युद्ध में भारत को मिली जीत के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 14-16 दिसंबर तक इंडिया गेट परिसर में भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा। केंद्र सरकार ने 1971 युद्ध विजय दिवस मनाने का निर्णय किया है। ये पहली बार होगा जब इस अवसर पर इंडिया गेट पर तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
भारत पाकिस्तान पर जीत और बांग्लादेश की स्थापना के 50 साल पूरे होने के अवसर पर केंद्र सरकार 14-16 दिसंबर तक इंडिया गेट परिसर में मेगा समारोह आयोजित करने की योजना बना रही है। इस भव्य कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जाने की संभावना है।बांग्लादेश और भारतीय सशस्त्र बल दोनों 1971 के युद्ध के 50 साल पूरे होने का जश्न मनाएंगे।
शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी जाएगी
सेना के सूत्रों के अनुसार ये समारोह इंडिया गेट पर होगा जहां 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना को हराने में अहम भूमिका निभाने वाले बांग्लादेशी लड़ाके युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना की ये सबसे बड़ी सैन्य जीत में शामिल हैं।
ये
भारत
और
पाकिस्तान
के
बीच
एक
सैन्य
संघर्ष
था
बता
दें
1971
भारत-पाक
युद्ध
में
पाकिस्तान
को
बड़ी
हार
का
सामना
करना
पड़ा
था।
ये
भारत
और
पाकिस्तान
के
बीच
एक
सैन्य
संघर्ष
था।
पूर्वी
पाकिस्तान
आजाद
हो
गया
और
बांग्लादेश
के
रूप
में
एक
नया
देश
बना।
16
दिसंबर
को
ही
पाकिस्तानी
सेना
ने
सरेंडर
किया
था।
हिंदुओं
के
खिलाफ
व्यापक
नरसंहार
के
बाद
ये
युद्ध
शुरू
हुआ
था
मीडिया
रिपोर्ट
के
अनुसार
पाकिस्तानी
सेना
के
हाथों
बंगालियों,
मुख्य
रूप
से
हिंदुओं
के
खिलाफ
व्यापक
नरसंहार
के
बाद
ये
युद्ध
शुरू
हुआ
था।
इसने
लगभग
10
मिलियन
लोगों
को
पड़ोसी
भारत
में
प्रवास
करने
के
लिए
मजबूर
किया।
भारत
ने
बंगाल
से
आए
शरणार्थियों
के
लिए
भी
अपनी
सीमाएं
खोल
दी
थीं।
21वीं सदी के भारत में भी जातिगत भेदभाव, पिता को मिली थी 'हिंदू धर्म छोड़ने' की सलाह: मीरा कुमार
13
दिनों
तक
चला
था
ये
भारत-पाकिस्तान
युद्ध
4-5
दिसंबर,
1971
की
रात
को,
भारतीय
नौसेना
की
पश्चिमी
नौसेना
कमान
ने
ट्राइडेंट
कोडनेम
के
तहत
कराची
बंदरगाह
पर
सफलतापूर्वक
एक
चौका
देने
वाला
हमला
किया।
जनरल
आमिर
अब्दुल्ला
खान
नियाज़ी
के
नेतृत्व
में
लगभग
93,000
पाकिस्तानी
सैनिकों
ने
युद्ध
के
अंत
में
मित्र
देशों
की
सेना
के
सामने
आत्मसमर्पण
कर
दिया।
1972
के
शिमला
समझौते
के
हिस्से
के
रूप
में
उन्हें
वापस
कर
दिया
गया
था।
इस
युद्ध
में
पाकिस्तान
की
लगभग
एक
तिहाई
सेना
पर
भारतीय
बलों
ने
कब्जा
कर
लिया
था।
यह
13-दिवसीय
भारत-पाकिस्तान
युद्ध
था,
जो
13
दिसंबर,
1971
को
शुरू
हुआ
था,
जो
तत्कालीन
पूर्वी
पाकिस्तान
में
इस्लामाबाद
सरकार
के
खिलाफ
विद्रोह
से
शुरू
हुआ
था।