विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने बैंकों को लौटाए 18000 करोड़ रुपए, केंद्र ने SC को दी जानकारी
नई दिल्ली, फरवरी 23। देश के टॉप 3 भगोड़े विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के मामलों में बैंकों को 18000 करोड़ रुपए की राशि लौटा दी गई है। यह जानकारी बुधवार को केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने देश की सर्वोच्च अदालत को दी। तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इन तीनों ही भगोड़ों ने PMLA एक्ट के तहत ही कार्रवाई के बाद भारतीय बैंकों को 18 हजार करोड़ रुपए लौटाए हैं। ये सारा पैसा बैंकों में आ गया है।
67 हजार करोड़ के मामले लंबित हैं सुप्रीम कोर्ट में
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस ए एम खानविलकर की अगुआई वाली बेंच लंबित धनशोधन निवारण कानून (पीएमएलए) से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट में ऐसे 67 हजार करोड़ रुपए के मामले हैं। इस बेंच में के अन्य सदस्य जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सी टी रविकुमार हैं। आपको बता दें कि पिछले हफ्ते कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और मुकुल रोहतगी सहित कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम या पीएमएलए में हालिया संशोधनों के संभावित दुरुपयोग पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका दाखिल की थी।
हालिया संशोधन के बाद कानून को लेकर कई मुद्दों पर आलोचना की जा रही है, जिसमें जमानत की कठिन शर्तें, गिरफ्तारी के बाद कोई संपर्क नहीं, ईसीआईआर की आपूर्ति के बिना व्यक्तियों की गिरफ्तारी (पुलिस द्वारा दायर की गई पहली सूचना रिपोर्ट के समानांतर), की परिभाषा का विस्तार मनी लॉन्ड्रिंग, अपराध की आय, और जांच के दौरान आरोपी द्वारा दिए गए बयानों को परीक्षण के दौरान साक्ष्य के रूप में स्वीकार्य बनाया गया।
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि पीएमएलए के तहत हर साल बहुत कम संख्या में मामलों को लिया जाता है जबकि ब्रिटेन में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत हर साल 7,900 मामले, अमेरिका में 1,532 मामले, चीन में 4,691 मामले, आस्ट्रिया में 1,036 मामले, हांगकांग में 1,823 मामले, बेल्जियम में 1,862 मामले और रूस में 2,764 मामले दर्ज किए जाते हैं।