154 प्रतिष्ठित लोगों ने CAA-NPR-NRC के समर्थन में राष्ट्रपति को लिखा खत, प्रदर्शनकारियों पर सख्ती की मांग
नई दिल्ली। देश के 154 प्रतिष्ठित लोगों ने सीएए (नागरिकता संशोधन कानून), एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर) और एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर) के समर्थन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है। इनमें पूर्व न्यायाधीश, पूर्व नौकरशाह, सशस्त्र बलों के पूर्व अधिकारी और शिक्षाविद शामिल हैं। इन्होंने देश में चल रहे विरोध प्रदर्शनों पर कहा कि ये नापाक साजिश के तहत 'झूठा और निहित स्वार्थ' अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि समस्या उत्पन्न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे पत्र में इन गणमान्य लोगों ने कहा है कि केंद्र सरकार प्रदर्शनों पर गंभीरता से ध्यान दे, इसके साथ ही इन्होंने लोकतांत्रिक संस्थानों को बचाने का अनुरोध किया है। इन लोगों ने उनके खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है, जो इस तरह के अभियानों के पीछे हैं। बता दें इन 154 गणमान्य लोगों में 44 पूर्व न्यायाधीश, 24 सेवानिवृत आईएएस अधिकारी, भारतीय विदेश सेवा के 11 पूर्व अधिकारी, भारतीय पुलिस सेवा के 16 सेवानिवृत अधिकारी और 18 पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल शामिल हैं। इन्होंने कहा है कि पूरे भारत में 'भय' फैलाया जा रहा है। ये 'स्वार्थ से भरा' है और 'राष्ट्र को नुकसान पहुंचाने की नापाक साजिश' है।
इन्होंने पत्र में कहा है कि अभियान को 'समन्वित तरीके' से चलाया गया है, जिससे सरकारी एवं निजी संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया गया है। सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विचार को लेकर 'झूठ और घृणित विमर्श' फैलाया जा रहा है। सीएए जैसा कानून तो बन गया है लेकिन एनआरसी और एनपीआर पर तो उसी समय से चर्चा चली आ रही है, जब से देश आजाद हुआ है।
पत्र में कहा गया है कि 'इन प्रदर्शनों में भारत सरकार की नीतियों का स्पष्ट रूप से विरोध किया जा रहा है, जबकि इनका इरादा इस देश के ताने बाने को बर्बाद करना और देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाना है।' पत्र में ये भी दावा किया गया है कि इन्हें लगता है कि जो गड़बड़ी पैदा की जा रही है, इसके बाहरी आयाम भी हैं।
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