हिमाचल चुनाव: 5 साल में भाजपा, कांग्रेस के विधायक बने धनकुबेर
शिमला। देश भर में जीएसटी व टैक्स रिफॉर्म्स के बाद मंदी की मार व उद्योग जगत में हाहाकर मचा है लेकिन गरीब प्रदेशों में से एक हिमाचल प्रदेश के नेता इस सबसे बेखबर हैं। उन पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है। प्रदेश के विधायकों के किये गये आंकलन से पता चला है कि यहां एक विधायक की संपत्ति में पांच साल में 7500 गुणा बढ़ोतरी हुई है। कहा जा सकता है कि राजनीति ही एक ऐसा प्रोफेशन है, जहां संपत्ति रातों रात बढ़ रही है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने विधायकों की संपत्ति का आंकलन किया है। ऐसे करीब 47 विधायकों जो 2007 में भी चुनकर आए थे व 2012 में भी चुनकर आये।
बृज बिहारी लाल बुटेल हुए सबसे धनी
रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2007 में इन विधायकों की औसत संपत्ति 3.59 करोड़ रुपये थी। पांच साल विधायक रहने के बाद साल 2012 में इन नेताओं की औसत संपत्ति 7.63 करोड़ रुपये हो गई। यानि चार साल में माननीयों की औसत संपत्ति 4.04 करोड़ रुपये बढ़ गई। साल 2007 और 2012 में चुनाव जीतकर आने वाले इन विधायकों की संपत्ति में 112 फीसद की बढ़ोतरी हुई।
पालमपुर से कांग्रेस विधायक विधानसभा के स्पीकर बृज बिहारी लाल बुटेल की संपत्ति में सबसे ज्यादा बढ़ी। 2007 में जहां उनकी संपत्ति 91.92 करोड़ रुपये थी, वहीं 2012 में यह बढक़र 77.29 करोड़ बढक़र 169.21 करोड़ हो गई।
मंडी से कांग्रेस विधायक अनिल शर्मा, जो अब भाजपा के हो गये हैं, की संपत्ति में भी 26.59 करोड़ का इजाफा हुआ। साल 2007 में उनकी संपत्ति महज 3.11 करोड़ थी, जो 2012 में बढक़र 29.70 करोड़ हो गई थी। नगरोटा से कांग्रेस विधायक जीएस बाली की संपत्ति में भी 21.03 करोड़ का इजाफा हुआ। जहां साल 2007 में उनकी संपत्ति सिर्फ 3.81 करोड़ थी, वहीं 2012 में यह 24.85 करोड़ रुपये हो गई।
भाजपा विधायक की संपत्ति भी बढ़ी चार गुणा
नाहन से विधायक चुने गए भाजपा नेता राजीव बिंदाल की संपत्ति भी करीब चार गुणा बढ़ी। साल 2007 में जहां उनकी संपत्ति महज 1.60 करोड़ रुपये थी, वहीं 2012 में यह 4.82 करोड़ रुपये बढक़र 6.42 करोड़ रुपये हो गई।
इनकी
संपत्ति
बढ़ी
7500
गुणा
बिलासपुर
से
कांग्रेस
विधायक
बंबर
ठाकुर
की
संपत्ति
बढ़ने
की
औसत
उन
पांच
सालों
में
सबसे
ज्यादा
रही।
2007
से
2012
के
बीच
उनकी
संपत्ति
7463
गुणा
बढ़ी
और
यह
1.35
लाख
से
बढक़र
1.02
करोड़
रुपये
हो
गई।
कसौली
(आरक्षित)
सीट
से
भाजपा
विधायक
डॉ.
राजीव
सांहजल
की
संपत्ति
में
भी
1936
गुणा
की
बढ़ोतरी
हुई
और
यह
1.53
लाख
से
बढक़र
31.15
लाख
हो
गई।
झंडूटा
(आरक्षित)
सीट
से
विधायक
चुने
गए
भाजपा
नेता
रिखी
राम
की
संपति
13.41
लाख
से
874
गुणा
बढक़र
1.30
करोड़
रुपये
हो
गई
थी।
इन
विधायकों
की
संपत्ति
घट
गई
अकी
से
भाजपा
विधायक
गोविंद
राम
की
संपत्ति
साल
2007
में
65.66
लाख
रुपये
थी,
लेकिन
अगले
पांच
साल
में
यह
29
फीसद
गिरकर
46.60
लाख
रह
गई।
डलहौजी
से
कांग्रेस
विधायक
आशा
कुमारी
की
संपत्ति
भी
साल
2007
में
2.42
करोड़
रुपये
थी,
लेकिन
2012
तक
इसमें
33
फीसद
की
गिरावट
आयी
और
यह
सिर्फ
1.62
करोड़
रुपये
रह
गई।
पार्टी नेताओं की औसत संपत्ति में बढ़ोतरी
पिछले दोनों चुनावों में जीते कांग्रेस के 24 नेताओं की औसत संपत्ति साल 2007 में 6.52 करोड़ रुपये थी। 22 भाजपा नेताओं की औसत संपत्ति 47.56 लाख और एकमात्र निर्दलीय विधायक की औसत संपत्ति 2.10 करोड़ रुपये थी। इसके बाद साल 2012 में चुनाव हुए और कांग्रेस नेताओं की औसत संपत्ति 6.97 करोड़ रुपये बढक़र 13.50 करोड़ रुपये हो गई। भाजपा नेताओं की संपत्ति में 183 फीसद की बढ़ोतरी हुई और यह 87 लाख बढक़र 1.34 करोड़ रुपये हो गई। निर्दलीय विधायक की संपत्ति में भी 2.93 करोड़ की बढ़ोतरी हुई और यह 5.03 करोड़ रुपये हो गई।
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