कोटखाई गैंगरेप: CBI ने दोबारा करवाया सूरज का पोस्टमार्टम, सरकार की हुई किरकिरी
कोटखाई गैंगरेप एंड मर्डर मामले के आरोपी सूरज की पुलिस हिरासत में मौत की जांच कर रही सीबीआई टीम ने आज इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज अस्पताल पहुंच कर सूरज के शव का दोबारा पोस्टमार्टम करवाया।
शिमला। कोटखाई गैंगरेप एंड मर्डर मामले के आरोपी सूरज की पुलिस हिरासत में मौत की जांच कर रही सीबीआई टीम ने आज इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज अस्पताल पहुंच कर सूरज के शव का दोबारा पोस्टमार्टम करवाया। पोस्टमार्टम के लिए दिल्ली के एम्स से 3 विशेषज्ञ चिकित्सक बुलाए गये थे। इससे पहले कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच सूरज के शव को शव गृह से बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया।
7 दिनों से नहीं हुआ अंतिम संस्कार
बता दें कि सूरज इस गैंगरेप और हत्याकांड का मुख्य आरोपी था जिसे कोटखाई थाने में हिरासत के दौरान हत्या कर दी गई थी। इस हत्या को लेकर भी पुलिस की थ्योरी पर काफी सवाल उठे थे जिसके बाद सीबीआई ने सूरज के शव का अंतिम संस्कार रोक दिया था। इसलिए शव को सूरज की पत्नी या परिजनों को नहीं सौंपा गया था। सूरज की हत्या के शव का 7 वें दिन बाद भी अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है। लेकिन अब शव का दोबारा पोस्टमार्टम हो गया है तो अंतिम संस्कार का भी रास्ता साफ हो गया है।
गैंगरेप की जगह की सीबीआई ने किया मुआयना
दिल्ली से आई टीम ने आज आरोपी सूरज के शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराने के बाद जिस पिकअप में गुडिया को लिफ्ट दी गई उसे और क्राइम सीन के आसपास के क्षेत्र का टीम ने परीक्षण किया है। सीबीआई की एक टीम हलाइला व कोटखाई में मौका मुआयना कर रही है। टीम पुलिस की थ्योरी को री चेक करने के बाद नए सिरे से जांच आरंभ करेगी। दरअसल, आरोपी सूरज की लॉकअप के अंदर हत्या के बाद हाईकोर्ट ने सीबीआई को तत्काल केस अपने हाथ में लेकर जांच के निर्देश दिए थे। केस की जांच के लिए सीबीआई के एसआईटी गठित करते ही सबसे पहले सूरज के शव को देखने की इच्छा जताई थी।
वीरभद्र सिंह ने कहा- मेरी भी बेटियां हैं, दर्द समझता हूं
उधर कोटखाई मामले में लोगों के गुस्से का सामना कर रहे प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि उनकी भी चार बेटियां हैं और वे इसका दर्द समझ सकते हैं। वीरभद्र सिंह ने कहा है कि मेरी भी चार बेटियां हैं और मैं समझ सकता हूं कि कोटखाई की स्कूली छात्रा के माता- पिता इस समय किस पीड़ा से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए ही मैनें खुद इस केस की जांच के लिए सीबीआई को पत्र लिखा था। व हम चाहते थे कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और आरोपी पकड़े जाएं ताकि उन्हें सजा मिल सके।
हिमाचल सरकार की हुई किरकिरी
हिमाचल सरकार ने गैंगरेप पीड़िता की याद में उसके स्कूल को अधिसूचना जारी कर पहले अपग्रेड कर दिया, लेकिन जब विरोध हुआ तो अधिसूचना को चंद घंटों बाद ही वापिस ले लिया। जिससे सरकार की अच्छी खासी फजीहत हो रही है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक कोई सरकार ऐसी ऐसी अधिसूचना जारी ही नहीं कर सकती। यह अधिसूचना जुविलियन जस्टिस एक्ट का उल्लघंन था। हंगामा बढ़ा तो सरकार को भी अपनी गलती का एहसास हुआ और आनन फानन में जारी की गई अधिसूचना को वापिस ले लिया गया। वनइंडिया ने इस मामले को सबसे पहले उठाया था। अब सरकार ने नई अधिसूचना जारी कर अपनी गल्ती तो सुधारी,लेकिन एक बार फिर सीएम आफिस की कार्यशैली पर सवाल उठ खड़े हुये हैं।