अटल सुरंग: सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित ट्रैफिक सुरंग का पीएम अगले माह करेंगे उद्घाटन
शिमला। हिमाचल प्रदेश में लेह मनाली हाईवे के लिए अटल सुरंग अगस्त में बनकर तैयार हो जाएगी। इस सुरंग का निर्माण कर रहे सीमा सड़क संगठन के चीफ इंजीनियर केपी पुरसोथमन का कहना है कि यह अब पूर्ण होने पर है। जुलाई में हिमाचल के सीएम जय राम ठाकुर ने ऐलान किया कि सितंबर के पहले सप्ताह में मनाली आकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। अटल सुरंग दुनिया की ऐसी सबसे लंबी ट्रैफिक सुरंग बनने जा रही है जो दस हजार फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर है। कोरोना वायरस की वजह से कुछ समय के लिए इसका काम रुका था जिसे मई 2020 से फिर शुरू किया गया। इसे पहले रोहतांग सुरंग कहा जाता था। प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में इसका नाम अटल सुरंग रखा गया। 8.8 किलोमीटर लंबी इस अटल सुरंग के बनने से मनाली और लाहौल स्पीति के प्रशासनिक केंद्र केलांग के बीच करीब 46 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी।
पीर पंजाल रेंज में बन रही अटल सुरंग के कई फायदे
हिमालय के पूर्वी क्षेत्र में पीर पंजाल रेंज में स्थित रोहतांग पास के नजदीक 10,171 फीट की ऊंचाई पर अटल सुरंग बनाई जा रही है। हर साल नवंबर से मई के बीच रोहतांग पास बर्फ से ढंका रहता है। इस वजह से मनाली लेह हाईवे नवंबर से मई महीने तक बंद हो जाता है इसलिए अटल सुरंग के निर्माण की जरूरत पड़ गई। इस सुरंग के बनते ही मनाली और लेह के बीच का रास्ता सालोंभर खुला रहेगा। साथ ही अटल सुरंग बनने से ट्रांसपोर्ट पर खर्च होने वाले करोड़ों रुपए की बचत होगी। हर मौसम में लेह-लद्दाख तक पहुंचने का सड़क मार्ग खुल जाने से देश की सीमा सुरक्षा में लगी सेना को इसका लाभ मिलेगा।
वर्ष 2000 में अटल सरकार ने लिया था सुरंग बनाने का फैसला
रोहतांग पास के करीब इस सुरंग को बनाने का फैसला वर्ष 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने लिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2019 ने इसके नाम की घोषणा करते हुए कहा था, 'रोहतांग सुरंग जो हिमाचल प्रदेश के मनाली को लद्दाख के लेह से जोड़ेगी, उसे अब अटल सुरंग के नाम से जाना जाएगा। इससे क्षेत्र में पर्यटन को बहुत बढ़ावा मिलेगा।' रोहतांग पास 13,051 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसके नजदीक ही 10,171 फीट की ऊंचाई पर इस सुरंग का निर्माण किया गया है। लद्दाख तक पहुंचे के दो रास्ते हैं। एक रास्ता रोहतांग पास पर बना लेह मनाली हाईवे है। दूसरा जोजिला पास पर बना श्रीनगर-द्रास-कारगिल-लेह हाईवे है। दोनों ही रास्ते सर्दियों में बर्फबारी के वजह से बंद हो जाते हैं। लेह मनाली हाईवे को अटल सुरंग से निकाला जाएगा जिससे सालोंभर लद्दाख तक पहुंचना आसान हो जाएगा। रोहतांग पास के नजदीक बने अटल सुरंग की तरह ही जोजिला पास के नीचे भी 14 किलोमीटर सुरंग बनाने की योजना है। अक्साई चीन और सियाचिन ग्लेशियर तक सेना के लिए सप्लाई पहुंचाने में इन दोनों रास्तों की बहुत अहम भूमिका है।
अत्याधुनिक और सबसे लंबी ट्रैफिक सुरंग
4000 करोड़ की लागत से बन रही इस 8.8 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) कर रहा है। यह सुरंग अत्याधुनिक तकनीकों और सुविधाओं से लैस है। इस सुरंग में सीसीटीवी कैमरे, लाइट सेविंग सेंसर सिस्टम, प्रदूषण रोकने के लिए सेंसर, ऑक्सीजन लेवल बनाए रखने के लिए विंड टरबाइन, आग हादसे को रोकने के लिए सिस्टम समेत कई तकनीकों का उपयोग किया गया है। अटल सुरंग में दो सुरंग बनाए गए हैं। एक सुरंग में हादसे जैसी बाधाओं के होने पर दूसरी सुरंग का इस्तेमाल किया जा सकेगा। दूसरी सुरंग भी मुख्य सुरंग की तरह 8.8 किलोमीटर लंबी है। मुख्य सुरंग से दूसरी सुरंग में जाने के लिए कई रास्ते बनाए गए हैं जिसमें ट्रैफिक को डायवर्ट किया जा सकता है।
सुरंग को हिमस्खलन से बचाने की तरकीब
सुरंग के अंदर सेंसर युक्त लाइटिंग सिस्टम है। वाहन के आते ही लाइट जलने लगेंगी और उसके गुजर जाने के बाद वह खुद ही बंद हो जाएंगी। अटल सुरंग की सबसे बड़ी खूबी यही है कि बर्फबारी की वजह से छह महीने के लिए दुनिया से कटने वाली लाहौल स्पीति घाटी तक इसके जरिए सालोंभर पहुंचा जा सकेगा। इस सुरंग को हिमस्खलन से सबसे ज्यादा खतरा है। हिमस्खलन से सुरंग को बचाने के लिए स्नो एंड एवलांच स्टडी एस्टेब्लिशमेंट एक डिजाइन तैयार कर रहा है। सुरंग के ऊपर बन रहा यह स्ट्रक्चर इसको हिमस्खलन से सुरक्षित करेगा।
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