हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव: टिकट आवंटन में धूमल की एक नहीं चली ,जेपी नड्डा का ही सिक्का चला
शिमला। आखिर हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार ही दिये। लेकिन टिकट आवंटन में जो कुछ हुआ, उससे तस्वीर अब साफ हो गई है कि भाजपा आलाकमान ने एक ओर जहां केन्द्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को पूरी तव्वज्जो दी, वहीं नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल की नहीं चली। जो राजनैकित हालात उभर कर सामने आ रहे हैं ,उससे फिर साफ इशारा दे दिया गया है कि पार्टी में वहीं होगा, जो केन्द्रीय नेतृत्व चाहेगा और जेपी नड्डा आलाकमान की पहली पसंद बने रहेंगे। प्रदेश भाजपा अब साफ तौर पर धूमल-नड्डा खेमों में बंट गई है। दिलचस्प बात यह है कि जेपी नड्डा के साथ सांसद शांता कुमार कदमताल करने लगे हैं। जय राम ठाकुर भी उनके साथ आ गये हैं। जिससे धूमल खेमा कमजोर होता जा रहा है। शांता कमार के कड़े विरोध के चलते भाजपा में कांग्रेस नेता जीएस बाली की एंट्री बैन हुई है। हालांकि बाली अरुण जेटली व नितिन गडकरी के जरिये जोरदार पैरवी करते रहे। नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल भी बाली की एंट्री कराने के लिये पूरा जोर लगाते रहे।
यहां भी चली नड्डा की
टिकट आवंटन में भी शांता कुमार के दबाब के आगे जहां नगरोटा बंगवा से शांता की पसंद अरूण कूका मेहरा को टिकट मिला, तो आखिरी समय में धर्मशाला में बदलाव करते हुये फिर टिकट किशन कपूर को मिल गया है। हालांकि पहले कपूर की जगह उमेश दत्त को टिकट दिया गया था। शांता कुमार ने उमेश दत्त का कड़ा विरोध किया था। यही नहीं इंदौरा में भी शांता कुमार रीता धीमान को टिकट दिलाने में कामयाब रहे।
शांता कुमार की पसंद का भी ख्याल
शांता कुमार ने कांगड़ा से निर्दलीय विधायक पवन काजल व इंदौरा से निर्दलीय विधायक मनोहर धीमान का भी डटकर विरोध किया। मनोहर धीमान ने हाल ही में भाजपा ज्वाइन की थी। व टिकट के लिये धूमल उनकी पैरवी कर रहे थे। इसी तरह फतेहपुर से कृपाल परमार भी टिकट लेने में कामयाब हुये। भरमौर में तुलसी राम की धमकियों व उनकी ओर से शांता कुमार पर किये गये हमले के बावजूद शांता कुमार की पसंद जिया लाल कपूर को टिकट मिला है।
इंदू गोस्वामी की पीएमओ से पैरवी
वहीं इंदु गोस्वामी की पीएमओ से की गई पैरवी के बावजूद गोस्वामी को ज्वालामुखी के बजाये पालमपुर से टिकट मिला है। ज्वालामुखी में शांता कुमार के समर्थक रमेश धवाला डिस्टर्ब हो रहे थे। हालांकि पालमपुर में प्रवीण शर्मा को लेकर भी पैरवी हो रही थी। लेकिन वह पिछला चुनाव इतने बड़े अंतर से हारे थे कि उनके लिये पैरवी कोई रंग नहीं ला पाई। वहीं बिलासपुर में जेपी नड्डा जेआर कटवाल को झंडूता से टिकट दिलाने में कामयाब रहे। यहां धूमल समर्थक मौजूदा विधायक रिखि राम कौंडल का टिकट काटा गया है।
धूमल समर्थक खिमी राम का टिकट कटा
यही नहीं बिलासपुर सदर से सुरेश चंदेल का आखिरी मौके पर टिकट कट गया व नड्डा की पसंद के सुभाष ठाकुर गुपचुप टिक ट ले उड़े। घुमारवीं के राजेन्दर गर्ग भी नड्डा की पसंद हैं। अर्की के मौजूदा विधायक गोविन्द राम शर्मा को भी धूमल गुट से जोडक़र देखा जाता रहा है। उनका टिकट भी कट गया। वहां रतन सिंह पाल आये हैं। शिमला जिला के रोहड़ू से शशी बाला व शिमला ग्रामीण से प्रमोद शर्मा,कुसुपंटी से विजय ज्योति सेन भी धूमल खेमें कि लिस्ट में नहीं थे। इसके साथ ही बंजार से सुरेन्दर शौरी भी नड्डा के साथ हैं। यहां धूमल समर्थक खिमी राम का टिकट कटा है।
खुद धूमल भी हैं परेशान
खुद धूमल अपने चुनाव क्षेत्र को बदले जाने को लेकर परेशान बताये जा रहे हैं। उन्हें हमीरपुर के बजाये अबकी बार सुजानपुर से लडऩे को कहा गया है। जहां धूमल के लिये चुनाव जीतना उतना आसान नहीं होगा। भोरंज में धूमल के समर्थक माने जाने वाले अनिल धीमान का टिकट कटा है। वहां नये चेहरे के रूप में कमलेश कुमारी को उतारा गया है। हालांकि बड़सर में धूमल का मान रखते हुये पार्टी में विरोध के बावजूद बलदेव शर्मा को टिक ट दे दिया गया है। धूमल की हालत तो यह हो गई है कि पहले अब उन्हें अपनी सीट से जीतना होगा, उसके बाद दूसरों के बारे में सोचेंगे।
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