Sukhvinder Sukhu Profile: बस ड्राइवर के बेटे बनेंगे हिमाचल के नए CM, ऐसा रहा राजनीतिक करियर
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने सुखविंदर सिंह सुक्खू का नाम सीएम पद के लिए फाइनल कर दिया है। वो लंबे वक्त से कांग्रेस के साथ जुड़े हुए थे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे। पार्टी हाईकमान ने शनिवार शाम को उनके नाम की घोषणा कर दी। जिसके बाद से सुक्खू के समर्थकों में खुशी की लहर है। वो राज्य के 15वें मुख्यमंत्री होंगे। आइए जानते हैं उनका अब तक का राजनीतिक सफर-
सुखविंदर सिंह का जन्म 26 मार्च 1964 को हमीरपुर जिले की नादौन तहसील के सेरा गांव में हुआ था। उनके पिता हिमाचल परिवहन निगम में ड्राइवर थे और मां घर पर ही रहती हैं। उनका बचपन काफी संघर्षों भरा रहा और वो कई चुनौतियों का सामना करते हुए इस मुकाम पर पहुंचे।
कॉलेज
से
शुरू
की
राजनीति
राजनीतिक
जीवन
की
बात
करें
तो
सुक्खू
ने
एलएलबी
करते
हुए
NSUI
का
हाथ
थाम
लिया।
उस
दौरान
वो
संजौली
कॉलेज
में
क्लास
रिप्रेजेंटेटिव
और
स्टूडेंट
सेंट्रल
एसोसिएशन
के
महासचिव
बने।
इसके
बाद
उन्होंने
राजकीय
महाविद्यालय
संजौली
में
स्टूडेंट
सेंट्रल
एसोसिएशन
के
अध्यक्ष
पद
पर
कब्जा
जमाया।
1988
उनके
करियर
का
टर्निंग
प्वाइंट
था,
जब
वो
NSUI
के
प्रदेश
अध्यक्ष
बने
और
1995
तक
इस
पद
पर
रहे।
इसके
बाद
पार्टी
ने
उनको
प्रदेश
महासचिव
की
जिम्मेदारी
दी।
चार
बार
विधायक
बने
नई
जिम्मेदारी
के
बाद
सुक्खू
ने
कभी
पीछे
मुड़कर
नहीं
देखा।
1998
से
2008
तक
वो
युवा
कांग्रेस
के
प्रदेश
अध्यक्ष
रहे।
2003
और
2007
में
वो
नादौन
विधानसभा
क्षेत्र
से
विधायक
चुने
गए।
फिर
2017
में
उन्होंने
जीत
हासिल
की।
अब
चौथी
जीत
के
साथ
पार्टी
ने
उनको
नई
जिम्मेदारी
दी
है,
जहां
वो
रविवार
को
मुख्यमंत्री
के
रूप
में
शपथ
लेंगे।
टिकट
वितरण
में
अहम
भूमिका
सुक्खू
को
2013
में
हिमाचल
कांग्रेस
का
अध्यक्ष
बनाया
गया
था,
वो
इस
पद
पर
10
जनवरी
2019
तक
रहे।
चुनाव
से
ठीक
पहले
पार्टी
ने
उनको
हिमाचल
प्रदेश
कांग्रेस
चुनाव
प्रचार
समिति
का
अध्यक्ष
बनाया।
इसके
साथ
ही
वो
टिकट
वितरण
कमेटी
के
सदस्य
भी
चुन
लिए
गए।
Himachal Pradesh: कौन हैं मुकेश अग्निहोत्री? जिन्हें हिमाचल प्रदेश का बनाया गया डिप्टी सीएम
क्यों
बने
सीएम?
प्रतिभा
सिंह
ने
सीएम
की
कुर्सी
पर
दावा
ठोका
था,
लेकिन
अभी
सांसद
हैं।
पार्टी
किसी
भी
हाल
में
उपचुनाव
नहीं
चाहती
थी,
ऐसे
में
उन्होंने
सुक्खू
के
नाम
को
चुना।
इसके
अलावा
लंबे
वक्त
से
कांग्रेस
पर
परिवारवाद
का
आरोप
लग
रहा
था।
सुक्खू
का
नाम
सामने
आने
से
बीजेपी
के
हाथ
से
ये
मु्द्दा
भी
निकल
गया।