हाथरस केस: सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप और हत्या की धाराओं में दर्ज किया केस, गांव पहुंचेगी टीम
हाथरस। हाथरस मामले को टेकओवर करने के बाद सीबीआई ने चारों आरोपियों के खिलाफ हत्या और गैंगरेप की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। चंदपा थाने में दर्ज एफआईआर को सीबीआई की गाजियबाद ब्रांच ने अपने यहां दर्ज कर लिया। बता दें, यूपी की योगी सरकार की क्रेंद से सिफारिश के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को हाथरस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी। अधिसूचना जारी कर बताया कि जांच एजेंसी की एक उपयुक्त ब्रांच बनाई गई है। अभी तक इस मामले की जांच यूपी पुलिस की एसआईटी कर रही थी, जिसने जांच के लिए अभी 10 दिन का वक्त और मांगा था। बताया गया कि गैंगरेप की जांच के अलावा यूपी सरकार ने इस मामले में जातीय दंगे, हिंसा भड़काने और मीडिया व राजनीति के कुछ धडे़ की ओर से दुष्प्रचार की आपराधिक साजिश की जांच की भी मांग की है।
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क्या है पूरा मामला?
हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र में बीती 14 सिंतबर को चार युवकों ने कथित रूप से 19 वर्षीय युवती से गैंगरेप किया। उसकी जीभ काटी और रीढ़ की हड्डी भी तोड़ी। गंभीर रूप से घायल पीड़िता 15 दिनों तक जिंदगी और मौत से जूझती रही। 29 सितंबर को पीड़िता दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। चारों आरोपी फिलहाल जेल में हैं। 29 सितंबर की देर रात पुलिस ने पीड़ित का अंतिम संस्कार कर दिया। इसके बाद मामले ने तूल पड़क लिया। राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई। विरोध प्रदर्शन और पीड़ित परिवार से मिलने-जुलने का सिलसिला शुरू हो गया।
सीबीआई ने दर्ज किया केस, जल्द हाथरस पहुंचेगी टीम
इस बीच योगी सरकार ने दावा किया कि हाथरस कांड के बहाने प्रदेश में जातीय दंगा भड़काने की साजिश रची गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विपक्ष पर भी निशाना साधा और कहा कि ये वही चेहरे हैं जो मुजफ्फरनगर में दंगे करवाते हैं, कैराना से व्यापारियों का पलायन करवाते हैं। उधर, विपक्ष भी लगातार योगी सरकार को घेरने में जुटा रहा। इसके बाद प्रदेश सरकार ने 3 अक्टूबर को सीबीआई से जांच कराए जाने का फैसला लिया। 4 अक्टूबर को सरकार ने इसके लिए डीओपीटी को निर्धारित प्रारूप में सिफारिश भेजी थी। शनिवार को डीओपीटी ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी। पूरे मामले में अब सीबीआई जांच करेगी। माना जा रहा है कि जल्द ही सीबीआई की टीम हाथरस पहुंच सकती है।
CBI ने टेकओवर किया हाथरस केस, अब तक SIT कर रही थी जांच