हरियाणा: कोरोना-काल के आर्थिक संकटों से निपटने में सरकार को अब रियल इस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट का सहारा
चंडीगढ़। कोरोना-काल में कमजोर पड़ी राज्य की अर्थव्यवस्था व घटे राजस्व के संकट से निपटने के लिए सरकार अब कई तरीके आजमा रही है। सरकार को अब रियल इस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट) का सहारा है। सरकार का 500 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है। हालांकि, रीट से भी ज्यादा सरकार के लिए जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) सहारा बना। जिससे कोरोना-काल की चुनौतियों से निपटने में व आम बजट प्रस्तुत करवाने में काफी मदद मिली। राजस्व में आई कटौती की जगह भरने के लिए जीएसटी ने राज्य सरकार के लिए ऑक्सीजन का काम किया।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जब बजट 2021 पेश किया तो आय बढ़ाने के लिए बजट में नया फार्मूला भी ईजाद किया। जिसके तहत रीट और इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इन्विट) की अवधारणा को लाने का प्लान सामने आया। यह सरकार का ऐसा प्लान है कि जनता पर बोझ डाले बिना अतिरिक्त संसाधन जुटाने में सरकार को आसानी होगी। रीट के लिए ऐसी संपत्तियों की सूची तैयार की जाएगी, जिसमें नगर पालिका की संपत्तियां, बस अड्डे, गेस्ट हाउस और हरियाणा पयर्टन निगम सहित सार्वजनिक उपक्रमों की संपत्तियां शामिल की जाएंगी। फिर जो धन आएगा, उसे 500 करोड़ रुपए तक जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।
5 लाख रोजगार सृजन का वादा करते हुए खट्टर सरकार ने 'हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति-2020' की लागू
ग्रामीण
कार्य
निगरानी
प्रणाली
भी
विकसित
करेंगे
मुख्यमंत्री
ने
कहा
है
कि,
लोकतांत्रिक
शक्तियों
का
विकेन्द्रीकरण
और
पंचायती
राज
संस्थाओं
का
सशक्तिकरण
सुनिश्चित
करने
के
लिए
हरियाणा
सरकार
ने
ग्रामीण
विकास
विभाग
की
सभी
योजनाएं,
उनके
अमले
के
साथ
जिला
परिषदों
को
हस्तांतरित
की
हैं।
उन्होंने
बताया
कि,
इन
योजनाओं
में
जिला
ग्रामीण
विकास
एजेंसी,
महात्मा
गांधी
राष्ट्रीय
ग्रामीण
रोजगार
गारंटी
योजना,
सांसद
आदर्श
ग्राम
योजना,
प्रधानमंत्री
आवास
योजना-ग्रामीण,
स्वर्ण
जयंती
खंड
उत्थान
योजना,
स्वच्छ
भारत
मिशन-ग्रामीण
आदि
शामिल
हैं।
इसके
अलावा,
पीआरआई
की
कार्य
प्रणाली
को
और
अधिक
पारदर्शी
एवं
जवाबदेह
बनाने
के
लिए
5
लाख
रुपये
से
अधिक
की
अनुमानित
लागत
के
सभी
विकास
कार्य
केवल
ई-टेंडर
प्रक्रिया
के
माध्यम
से
करवाए
जाएंगे
और
ग्रामीण
कार्य
निगरानी
प्रणाली
विकसित
की
जाएगी।