हरियाणा न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

गणतंत्र दिवस: हरियाणा के इस गांव में नहीं फहराया गया तिरंगा, आखिर क्यों यहां के लोग खुद को मानते हैं गुलाम

1857 के स्वतंत्रता संग्राम में गांव रोहनात को अंग्रेजी हुकूमत ने तोपों से उड़ा दिया था और तहस नहस कर दिया था। ये घटना 29 मई 1857 की है।

Google Oneindia News
rohnat village haryana

Haryana Village Rohnat history: भारत में 74वें गणतंत्र दिवस की आज धूम रही लेकिन हरियाणा के भिवानी जिले के रोहनात गांव में 26 जनवरी का जश्न नहीं मना। रोहनात गांव में इस साल गणतंत्र दिवस पर झंडारोहण नहीं किया गया। रोहनात गांव क रहने वाले ग्रामीण वासी पिछले करीब साढ़े पांच माह से आंदोलन कर रहे हैं। गांव वालों की दो प्रमुख मांग हैं, पहली-शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों की खोई अपनी जमीन की वापसी। दूसरी मांग- गांव को शहीद गांव का दर्जा दिलाने की मांग है। इन्ही दो मांगों को लेकर रोहनात गांव वासी अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं। रोहनात गांव हरियाणा के हिसार जिले के हांसी शहर से कुछ मील की दूरी पर दक्षिण-पश्चिम में है।

जानिए रोहनात गांव का इतिहास

जानिए रोहनात गांव का इतिहास

गावं वालों की अब तक मांग पूरी नहीं की गई है। इसको लेकर गांव वालों में अब तक गुस्सा है। बता दें कि 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में गांव रोहनात को अंग्रेजी हुकूमत ने तोपों से उड़ा दिया था और तहस नहस कर दिया था। ये घटना 29 मई 1857 की है। रोहनात गांव में ब्रिटिश सैनिकों ने इस दिन बर्बर खूनखराबा किया था। ब्रिटिश सैनिकों ने गांव वालों को पीने का पानी भी नहीं लेने दिया और कुंए के मुंह को मिट्टी से ढक दिया। उसके बाद लोगों को फासी पर लटका दिया था। इतना ही नहीं गांव वालों को बंदी बनाकर हांसी (हिसार की एक जगह) की सड़कों पर रोड रोलर के नीचे लाकर कुचल दिया गया था। हांसी में आज भी उस सड़क को 'लाल रोड' के नाम से जाना जाता है।

डेढ़ सौ साल से गांव वाले अब भी सदमे में

डेढ़ सौ साल से गांव वाले अब भी सदमे में

डेढ़ सौ साल बीत जाने के बाद भी आज भी इस गांव के लोग सदमे में हैं। आजादी के बाद भी इस गांव में आज तक राष्ट्रीय ध्वज कभी नहीं फहराया गया था। लगभग 5 हजार आबादी वाले इस गांव में लोग गुस्से में तिरंगा नहीं फहराते हैं। गांव वालों का दुख है कि सरकार उनके पूर्वजों का सम्मान नहीं करती है। गांव वालों का कहना है कि वह राष्ट्रीय उत्सवों में हिस्सा तो लेते हैं लेकिन जब-तक उनकी मांगे मानी नहीं जाएगी, तब तक गांव में तिरंगा नहीं फहराया जाएगा।

2018 में CM तिरंगा फहराने पहुंचे थे

2018 में CM तिरंगा फहराने पहुंचे थे

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर 23 मार्च 2018 गांव में तिरंगा फहराने पहुंचे थे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सुलतानपुर पट्टी में राष्ट्रीय ध्वजारोहण किया था। बीबीसी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक गांव के तत्कालीन सरपंच रवींद्र बोरा ने कहा था कि हम तब तक तिरंगा नहीं लहराएंगे जब तक कि हमापी जमीन वापस नहीं दी जाती है। हमारे पूर्वजों को स्वतंत्रता सेनानियों के बराबर दर्जा मिलना चाहिए था।

10 अगस्त से जारी है धरना

10 अगस्त से जारी है धरना

बता दें कि गांव रोहनात में 10 अगस्त 2022 से अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है। धरना कमेटी के अध्यक्ष की मानें तो धरना के दौरान ही ग्रामीण संतलाल की धरना स्थल पर ही शहादत हो गई थी। जिसके बाद सरकार ने मृतक के परिजनों को 12 लाख की मदद और एक सरकारी नौकरी देने का वादा किया था। लेकिन अभी भी मृतकों को सिर्फ छह लाख मिले हैं और नौकरी भी नहीं दी गई है।

ये भी पढ़ें- कौन हैं लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा, जिन्होंने गणतंत्र दिवस पर मेड-इन-इंडिया मिसाइल सिस्टम 'आकाश' को किया लीडये भी पढ़ें- कौन हैं लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा, जिन्होंने गणतंत्र दिवस पर मेड-इन-इंडिया मिसाइल सिस्टम 'आकाश' को किया लीड

Comments
English summary
Republic Day 2023: why Haryana Village Rohnat not tricolour flag hoisting know history
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X