हरियाणा में BJP को झटका, 3 बार MLA रहे रामपाल माजरा ने किसानों के समर्थन में पार्टी छोड़ी
rampal majra bjp, rampal majra resign, चंडीगढ़। सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा को हरियाणा में कृषि कानूनों के मुद्दे पर बड़ा झटका लगा। पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व संसदीय सचिव रामपाल माजरा (Rampal majra) ने भाजपा छोड़ दी है। आज उन्होंने इसकी जानकारी खुद मीडिया को दी। रामपाल माजरा ने कहा कि, "मैं तहेदिल से किसानों के साथ खड़ा हूं। मोदी सरकार द्वारा जो नए कृषि कानून लाए गए हैं, मुझे लगता है कि ये कानून न केवल किसान विरोधी हैं, बल्कि इन्हें यदि लागू किया जाए तो समाज के अन्य वर्गों पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। मैं इस मुद्दे पर भाजपा का साथ नहीं दूंगा। मैंने पहले भी कहा था कि, सरकार को किसानों के हित में फैसला लेना चाहिए।'' माजरा ने विरोध-प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के लिए भी भाजपा को कोसा। उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार पर आरोप लगाया। कहा कि, ऐसा उन्हीं के हठ से हुआ।।
"सरकार
को
ये
कानून
वापस
लेने
होंगे"
माजरा
ने
कहा
कि,
यह
केंद्र
सरकार
के
नए
कृषि
कानूनों
के
खिलाफ
प्रदर्शन
कर
रहे
किसानों
के
साथ
आने
का
वक्त
है।
गरीबों-किसानों
के
साथ
एकजुटता
व्यक्त
करने
के
लिए
हम
पार्टी
से
इस्तीफा
दे
रहे
हैं।
इससे
पहले
उन्होंने
कहा-
''मैं
पूरी
तरह
से
इन
कानूनों
को
खारिज
करता
हूं।
सरकार
को
ये
कानून
वापस
लेने
होंगे।
वरना
इनसे
किसानों
को
नुकसान
होगा।
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3
बार
रहे
विधायक,
इनेलो
छोड़कर
भाजपा
में
आए
थे
बता
दिया
जाए
कि,
माजरा
यहां
तीन
बार
विधायक
रह
चुके
हैं।
वर्ष
2019
के
विधानसभा
चुनाव
से
ठीक
पहले
वे
इनेलो
छोड़कर
भाजपा
में
आए
थे।
पिछले
साल
सितंबर
में
उन्होंने
केंद्र
के
कृषि
कानूनों
को
किसान
विरोधी
करार
दिया
था।
तब
उन्होंने
कहा
था
कि
न्यूनतम
समर्थन
मूल्य
(MSP)
को
लेकर
आशंकाएं
निराधार
नहीं
हैं।
सरकार
को
किसानों
का
डर
दूर
करना
चाहिए।'
सूबे
में
माजरा
का
अच्छा
खासा
प्रभाव
है।
वह
जाट
मतदाताओं
के
बीच
लोकप्रिय
रहे
हैं।
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