हरियाणा के DGP बोले- आंदोलन के नाम पर उपद्रव करने वालों को बख्शेगी नहीं पुलिस, सभी SP को निर्देश
सोनीपत/नई दिल्ली। किसान संगठनों ने हरियाणा से दिल्ली में संसद तक मार्च निकालने की योजना बनाई है। किसानों के अगुआ संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 22 जुलाई को संसद कूच पर निकलने वाले हैं। यहां बीते रोज मीटिंग में फैसला लिया गया कि जो 200 किसान रोजाना संसद के लिए कूच करेंगे, संयुक्त मोर्चा उन्हें पहचान पत्र देगा। ऐसा इसलिए क्योंकि, किसान नेताओं को डर है कि सरकार अपने लोगों को आंदोलन में शामिल कर दंगे या हिंसा करा सकती है, जिसका असर किसान आंदोलन पर पड़ सकता है।
वहीं, पुलिस-प्रशासन के अधिकारी किसान संगठनों के नेताओं को चेतावनी दे रहे हैं कि, यदि कोई भी फसाद या उपद्रव हुआ तो कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा के डीजीपी ने कहा है कि, आंदोलन के नाम पर उपद्रव करने वालों से सख्ती से निपटेंगे। इस बारे में डीजीपी मनोज यादव एवं सीनियर अफसरों ने सभी एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग की। वह मीटिंग ढाई घंटे चली। उस मीटिंग में स्पष्ट कहा गया कि, आंदोलन के नाम पर जो भी उपद्रव करेगा, उससे सख्ती से निपटा जाएगा। केस दर्ज होगा और किसान जेल भी भेजे जाएंगे।
हरियाणा से दिल्ली पहुंचे भाकियू नेता, चढ़ूनी 200 प्रदर्शनकारियों के साथ संसद कूच को तैयार
डीजीपी की ओर से सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिए जा चुके हैं। उधर, किसान प्रदर्शनकारियों से रास्ता खुलवाने को लेकर ग्रामीणों का भी पैदल मार्च आज होगा। इस बारे में ग्रामीणों ने बताया कि, कुंडली बॉर्डर पर एक तरफ का रास्ता खोलने की मांग को लेकर राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच के बैनर तले वे केएमपी से कुंडली बॉर्डर तक पैदल मार्च निकालेंगे। गांव वालों की मांग पर डिप्टी कमिश्नर ने सोनीपत के तहसीलदार मनोज अहलावत, राई के नायब तहसीलदार सतीश कुमार व बीडीपीओ के साथ मीटिंग की है। वहीं, राजेश टिवाना को ड्यूटी मजिस्ट्रेट बनाया गया है। ऐसे में आज हलचल होने के आसार हैं।