साथी को बचाने के लिए 15 हजार फीट खाई में गिरे मेजर पंकज, इलाज के दौरान तोड़ा दम
हरदोई, 24 जुलाई: अरुणाचल प्रदेश के तंबौला में तैनात मेजर पंकज पांडे 15 हजार फीट ऊंचाई पर तैनात थे। 19 जुलाई की सुबह एक साथी को बचाने में वो खाई में गिर गए। जिस वजह से वह बुरी तरह घायल हो गए और इलाज के दौरान गुरुवार देर रात गुवाहाटी के हॉस्पिटल में उन्होंने दम तोड़ दिया। बता दें, मेजर पंकज पांडे उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के रहने वाले थे। मेजर की मौत की खबर मिलते ही उनके घर व जिले में शोक की लहर दौड़ गई। शनिवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ असम के लेखापानी में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
पंकज पांडे, हरदोई जिले से सटे महोलिया शिवपार का रहने वाले है। पंकज के पिता अवधेश पांडे व्यवसायी है और उनके दो पुत्र हैं। बड़ा बेटा पंकज पांडे व छोटा बेटा आशीष पांडे। पंकज पांडे सेना में मेजर हैं और उनकी तैनाती अरुणाचल प्रदेश के तंबोला में थी। पंकज के परिजनों मीडिया से बात करते हुए बताया कि 19 जुलाई की दोपहर रेजीमेंट बी सिख के अधिकारियों का फोन आया था। अधिकारियों ने बताया कि आज सुबह करीब 15 हजार फीट पर ड्यूटी के दौरान एक साथी खाई में गिर रहा था, जिसको पंकज ने बचाने का प्रयास किया। इसमें पंकज और उसका साथी नीचे खाई में गिर गए।
काफी देर के प्रयास के बाद दोनों को निकाला गया। पंकज के सिर से लेकर गर्दन तक गंभीर चोटें आईं थीं। इस सूचना पर अवधेश पांडे अपने बेट आशीष के साथ गुवाहाटी हॉस्पिटल पहुंचे। पंकज को गंभीर चोटें आईं थी। इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। भाई आशीष ने बताया कि पंकज के शव को पूरे सैन्य सम्मान के साथ असम के लेखापानी में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
2008
में
हुआ
था
सीडीएस
में
चयन
परिजनों
ने
बताया
कि
पंकज
ने
प्रारंभिक
शिक्षा
सीतापुर
महोली
निवासी
मामा
सुधाकर
शुक्ला
के
यहां
से
की।
उसके
बाद
इनका
चयन
सीडीएस
में
वर्ष
2008
में
हो
गया
था।
देहरादून
में
ट्रेनिंग
हुई,
फिर
हिमाचल
व
असम
में
ही
तैनाती
मिली।
बताया
कि
बचपन
में
सेना
आदि
की
फिल्में
जब
भी
टीवी
पर
आतीं
तो
पंकज
उछल
जाता
था।
सेना
में
भर्ती
के
बाद
जब
वह
पहली
बार
घर
वालों
से
मिला
तब
भी
काफी
उत्साहित
था।
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5
साल
पहले
हुआ
था
विवाह
पंकज
का
विवाह
पांच
वर्ष
पूर्व
ही
कंचन
के
साथ
हुआ
था।
उसकी
एक
डेढ़
साल
की
बेटी
अरू
भी
है।
सूचना
के
बाद
से
पत्नी
का
रो-रोकर
बुरा
हाल
है।
उनके
शहीद
होने
की
सूचना
के
बाद
वह
भी
बाकी
परिजनों
के
साथ
गुवाहाटी
के
लिए
रवाना
हो
गईं।