कोविड कर्फ्यू में मिसाल बनी 60 साल की सावित्री, रिक्शा चलाकर परिवार का कर रही भरण पोषण
हरदोई, मई 21: कोरोना कर्फ्यू के चलते उत्तर प्रदेश में वीकेंड लॉकडाउन लगा है, जिसके चलते गरीबों के सामने जीवन यापन की समस्या उत्पन्न हो गई। इस बीच हरदोई जिले के आशानगर निवासी 60 वर्षीय सावित्री देवी ने बुलंद हौसलों की नई मिसाल पेश की है। 60 वर्षीय सावित्री देवी कबाड़ बीनकर, रिक्शा चलाकर अपने पति और परिवार का भरण पोषण कर रही है।
हरदोई जिले में रात को अक्सर एक बुजुर्ग महिला खुद ही रिक्शा खींचते हुए कुछ सामान लेकर आती-जाती लोगों को दिखाई देती थी। बुजुर्ग महिला को रिक्शा चलाते देखकर लोग हैरान हो गए। जब रिक्शा चालक सावित्री देवी इस बारे में मीडिया कर्मियों ने बात की तो सावित्री का कहना है कि पेट पालने के लिए कुछ तो काम करना था, तो उसने यही काम शुरू कर दिया। अब वो कबाड़ बीनकर अपने और अपने पति का पेट पालती है।
लॉकडाउन और गरीबी से परेशान सावित्री ने कुछ करने का फैसला किया और कबाड़ बीनकर रिक्शा खरीद लिया और अब वह इससे कमाकर अपना खर्च चलाती है। सावित्री ने बताया कि रिक्शा चलाना उसकी मजबूरी है। उसके दो बेटियां है, दोनों की शादी हो गई। उनके पति की हालत ठीक नहीं है तो गरीबी के कारण जब परिवार चलाने में दिक्कतें आने लगी तो हमें यह कदम उठाना पड़ा।
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सावित्री का कहना है कि वह दिन-भर में करीब 300 से 400 रूपए कमा लेती है। लोगों का कहना है कि यह देख कर अच्छा लगता है कि एक महिला अपने हौसले के दम पर अपना रास्ता चुनकर आज अपने परिवार के लिए सहारा बनी हुई है।