भूकंप से पूर्वोत्तर भारत की धरती कांपी, असम के सोनितपुर में था केंद्र, NCS ने बताई तीव्रता
तेजपुर। भारत के पूर्वोत्तर हिस्से में आज भूकंप आया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी की ओर से बताया गया कि, भूकंप का केंद्र असम के सोनितपुर में था और रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.9 थी। अब तक की जानकारी के मुताबिक, भूकंप से कोई नुकसान या हताहत नहीं हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि, यह क्षेत्र ही भूकंप-जोन में है। सालभर में यहां बहुत से भू-कंपन होते हैं। एनसीएस के अनुसार, आज भूकंप का झटका सुबह 08:33 बजे महसूस किया गया।
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भूकंप के कारण स्थानीय लोग एकत्रित होने लगे और अपने-अपने घरों से बाहर निकलने लगे थे। पिछले हफ्ते भी ऐसा हुआ था। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी की रिपोर्ट में बताया गया कि, असम में लगातार भूकंप के झटके महसूस किये जा रहे हैं। यह क्षेत्र भूकंपीय रूप से बहुत सक्रिय है, जो डेंजर जोन-V (उच्चतम भूकंपीय क्षेत्र) में पड़ता है, जहां प्लेट्स हिलती हैं। भारतीय भू-भाग की प्लेट यूरेशियन प्लेट के नीचे पड़ती हैं।
भूकंप
आने
की
वजहें
भू-विशेषज्ञों
के
मुताबिक,
धरती
मुख्य
तौर
पर
चार
परतों
से
बनी
हुई
है।
इनर
कोर,
आउटर
कोर,
मैनटल
और
क्रस्ट।
क्रस्ट
और
ऊपरी
मैन्टल
कोर
को
लिथोस्फेयर
के
नाम
से
जाना
जाता
है।
ये
50
किलोमीटर
की
मोटी
परत
कई
वर्गों
में
बंटी
हुई
हैं।
जिन्हें
टैकटोनिक
प्लेट्स
कहा
जाता
है।
ये
टैकटोनिक
प्लेट्स
अपनी
जगह
पर
हिलती-डुलती
रहती
हैं।
जब
ये
प्लेट
बहुत
ज्यादा
हिलने
लगती
हैं
तो
कंपन
होने
लगता
है।
यही
भूकंप
होता
है।
भूकंप
आने
पर
क्या-क्या
करें?
-
यदि
भूकंप
आये
तो
आप
मजबूत
व
हल्के
परिसर
के
अंदर
शरण
लें।
-
बाहर
सुरक्षित
स्थानों
की
तलाश
करें
और
सीधे
उसी
स्थान
पर
जाएं।
-
मजबूत
टेबल
या
बेड
के
नीचे
भी
छिप
सकते
हैं।
-
पेड़-पौधों
से
दूर
हो
जाएं।
किसी
भीतरी
दीवार
का
भी
रूख
कर
सकते
हैं।
-
उस
जगह
से
दूर
रहें
जहां
खिड़की,
शीशे,
तस्वीरों
से
कांच
गिरकर
टूट
सकता
हो
या
जहां
किताबों
के
भारी
शेल्फ
अथवा
भारी
फर्नीचर
नीचे
गिर
सकता
हो।
-
खुले
क्षेत्र
में
बिल्डिंग,
पेड़ों,
टेलीफोन,
बिजली
की
लाइनों,
फ्लाईओवरों
तथा
पुलों
से
दूर
रहें।
-
आपातकालीन
टेलीफोन
नंबरों
को
जरूर
अपने
मोबाइल
में
सेव
रखें
(जैसे
डाक्टरों,
अस्पतालों,
पुलिस
के
टेलीफोन
नंबर)।
-
परिवार
के
सदस्यों
को
भूकंप
के
बारे
में
जानकारी
दें।