गुजरात: हिंदू सेना ने जामनगर में लगाई गोडसे की मूर्ति, कांग्रेसियों ने तोड़कर फेंकी
जामनगर, 16 नवंबर: गुजरात के जामनगर में कांग्रेसियों ने हिंदू सेना की ओर से स्थापित नाथूराम गोडसे की प्रतिमा को तोड़ दिया है। सोमवार को हिंदू सेना की तरफ से गोडसे की मूर्ति लगाई गई थी, जिसे मंगलवार सुबह कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तोड़ दिया। प्रतिमा को तोड़ने वालों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिभुगा शामिल थे। बता दें कि, हिंदू सेना ने सोमवार को गोडसे की याद में एक मंदिर के प्रांगण में यह प्रतिमा लगाई थी।
हिंदू सेना ने अगस्त में जामनगर में नाथूराम गोडसे की प्रतिमा स्थापित करने के अपने फैसले की घोषणा की थी। 15 नवंबर को नाथूराम गोडसे पुण्यतिथि के मौके पर उनकी प्रतिमा शहर के किसी चौराहे पर लगाने की मांग करते हुए सेना ने महानगर पालिका को पत्र लिखा था, लेकिन प्रशासन ने हिंदू सेना को गोडसे की प्रतिमा लगाने के लिए स्थल नहीं दिया था इसलिए हिंदू सेना ने दरबारगढ़ के पीछे एक मंदिर परिसर में यह प्रतिमा लगाई थी। इस मौके पर उनके साथ हिंदू सेना के कार्यकर्ता भी मौजूद थे।
इसके बाद मंगलवार को जामनगर कांग्रेस के अध्यक्ष दिगुभा जाडेजा और उनके साथियों ने गोडसे की प्रतिमा को ध्वस्त कर दिया। तोड़ते वक्त कांग्रेस के नेताओं ने अपने गले में भगवा पट्टा डाल रखा था। कांग्रेस का कहना है कि गांधीजी के गुजरात में गोडसे की प्रतिमा को सहन नहीं किया जा सकता। गोडसे की प्रतिमा को तोड़े जाने के बाद हिंदू सेना के प्रमुख प्रतीक भट्ट ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रतिमा पर राम नाम की शॉल को भी कचरे में डाल दिया यह हिंदू धर्म व भगवान राम का अपमान है।
कुदरत का करिश्मा, पार्किंग में खड़ी सिर्फ कार पर हुई बारिश, वायरल हुआ Video
हिंदू हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ जयवीर भारद्वाज ने कहा कि महाराष्ट्र के कार्यकर्ता पिछले हफ्ते अंबाला जेल से मिट्टी लेकर आए थे। जहां गोडसे और नारायण आप्टे को फांसी दी गई थी। उस मिट्टी का उपयोग गोडसे और आप्टे की मूर्तियां बनाने के लिए किया जाएगा और उन्होंने ग्वालियर में महासभा के कार्यालय में स्थापित किया जाएगा।बता दें कि सेंट्रल जेल में गोडसे और नारायण आप्टे को महात्मा गांधी की हत्या के अपराध में 15 नवंबर 1949 को फांसी दी गई थी। इस पूरे घटनाक्रम पर जामनगर के जिला प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है।