Morbi Bridge Collapse: मोरबी पुल हादसे के 5 सवाल, जो झकझोर रहे हैं आत्मा
गुजरात (Gujarat) के मोरबी (Morbi) में रविवार शाम बड़ा हादसा हुआ, जहां एक पुराना पुल (Bridge Collapse) टूट गया, जिससे सैकड़ों लोग नदी में जा गिरे। इस हादसे में अभी तक 130 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। प्रशासन को आशंका है कि मृतकों की संख्या अभी बढ़ सकती है। घटना के तुरंत बाद गुजरात सरकार ने जांच के आदेश तो दे दिए, लेकिन इस हादसे को लेकर अभी भी कई सवाल लोगों के मन में हैं।
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भीड़
को
क्यों
नहीं
किया
गया
नियंत्रित?
पुल
काफी
ज्यादा
पुराना
है,
जिसकी
क्षमता
करीब
100
लोगों
की
है,
लेकिन
हादसे
के
वक्त
उस
पर
250
से
ज्यादा
लोग
थे।
ऐसे
में
सबसे
बड़ा
सवाल
ये
उठ
रहा
कि
जब
प्रशासन
को
पुल
की
क्षमता
की
पूरी
जानकारी
थी,
तो
वहां
पर
भीड़
को
नियंत्रित
करने
के
लिए
कोई
ठोस
कदम
क्यों
नहीं
उठाया
गया?
फिटनेस
सर्टिफिकेट
जरूरी
नहीं?
पुल
काफी
जर्जर
हो
चुका
था,
जिसके
बाद
एक
निजी
कंपनी
को
इसका
टेंडर
दिया
गया।
जिसने
7
महीने
पहले
पुल
की
मरम्मत
की।
हादसे
से
चार
दिन
पहले
पुल
को
दोबारा
जनता
के
लिए
खोला
गया
था,
लेकिन
नगर
पालिका
से
फिटनेस
सर्टिफिकेट
नहीं
लिया
गया।
ऐसे
में
सबसे
बड़ा
सवाल
ये
है
कि
क्या
जिम्मेदार
अधिकारियों
ने
पुल
का
निरीक्षण
और
फिटनेस
सर्टिफिकेट
लेना
जरूरी
क्यों
नहीं
समझा?
हादसा
या
साजिश?
पुल
शाम
को
6.30
के
आसपास
गिरा,
उससे
पहले
का
एक
वीडियो
सोशल
मीडिया
पर
तेजी
से
वायरल
हो
रहा।
जिसमें
पुल
पर
जरूरत
से
ज्यादा
लोग
दिखाई
दे
रहे।
इस
वीडियो
में
साफ
दिख
रहा
कि
कुछ
युवक
पुल
को
तेजी
से
झुला
रहे
थे।
साथ
ही
कुछ
लोग
उसके
सस्पेंस
को
भी
लात
मारकर
क्षति
पहुंचाने
की
कोशिश
कर
रहे।
ऐसे
में
सवाल
ये
उठता
है
कि
ये
हादसा
था
या
फिर
साजिश?
टिकट
बेचने
का
इंतजाम,
लेकिन
सुरक्षा
पर
नहीं
दिया
ध्यान
पुल
इलाके
का
एक
पिकनिक
स्पॉट
बन
गया
था।
जिसको
देखने
बड़ी
संख्या
में
लोग
पहुंचे
थे।
वहां
पर
कुछ
कर्मचारी
मौजूद
थे,
जो
टिकट
बेच
रहे
थे।
स्थानीय
लोगों
के
मुताबिक
कर्मचारियों
का
पूरा
ध्यान
ज्यादा
से
ज्यादा
टिकट
बेच
मुनाफा
कमाने
का
था,
जिस
वजह
से
भीड़
पर
किसी
ने
ध्यान
नहीं
दिया।
इसके
अलावा
सवाल
ये
भी
उठता
है,
जब
प्रशासन
को
भीड़
के
बारे
में
पता
था
तो
वहां
पर
पर्याप्त
सुरक्षाकर्मियों
की
तैनाती
क्यों
नहीं
की
गई?
पल-पल
का
वीडियो
मिलने
के
बाद
भी
लापरवाही
घटनास्थल
के
पास
कई
सीसीटीवी
लगे
हुए
थे,
जो
पूरी
तरह
से
काम
कर
रहे
थे।
उसके
जरिए
लाइव
फीड
जिम्मेदार
लोगों
को
मिल
रही
थी,
ऐसे
में
सवाल
उठता
है
कि
उन्होंने
पुलिस
या
उच्च
अधिकारियों
को
इसकी
जानकारी
क्यों
नहीं
दी?
क्या
वो
लोग
इस
तरह
का
हादसा
होने
का
इंतजार
कर
रहे
थे?