पाक की कैद से आजाद हुए 20 भारतीय मछुआरे, एक ने कहा- 4 साल बाद छूटा हूं, पानी के रास्ते गलती हुई थी
कच्छ। गुजरात से सटे समुद्री इलाकों में मछली पकड़ने के दौरान पाकिस्तान द्वारा बंदी बनाए गए मछुआरे कई-कई सालों बाद रिहा होते हैं। एक लंबे अरसे बाद कराची की जेलों से छूटे 20 भारतीय मछुआरे जब देश की सरहद में वापस लौटे तो ऐसी खुशी झलक रही थी, जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। एक मछुआरे ने कहा, "मैं 4 साल से यहां (पाकिस्तान की जेल में) था। अब रिहा हुआ हूं..बहुत खुशी हो रही है। मैं पानी के रास्ते गलती से अपनी सीमा लांघ गया था, तो पाकिस्तानियों ने पकड़ लिया था।"
पाक की कैद से मुक्त होने वाले मछुआरे बोले..
मछुआरे
ने
कहा,
"हमें
अब
छोड़ा
जा
रहा
है..हमारे
जैसे
बहुत
से
हिंदुस्तानी
यहां
जेलों
में
बंद
हैं।
और..मैं
कहना
चाहता
हूं
कि,
पाकिस्तान
की
सरकार
को
भी
भारत
सरकार
से
बात
करके
भारत
में
फंसे
हमारे
जैसे
लोगों
को
रिहा
कराना
चाहिए।"
गौरतलब
है
कि
समुद्र
में
मछली
पकड़ने
के
दरम्यान
भारतीय
मछुआरों
को
हमेशा
पाकिस्तानियों
द्वारा
कैद
किया
जाता
रहा
है।
पाकिस्तान
मरीन
सिक्योरटी
एजेंसी
के
सुरक्षाबल
भारतीय
मछुआरों
को
अरब
सागर
से
अगवा
करते
हैं।
उसके
बाद
उन्हें
कराची
समेत
कई
अन्य
स्थानों
पर
जेलों
में
बंद
कर
देते
हैं।
मानवीय आधार पर रिहाई की मांग की जाती है
भारतीय मछुआरों को पाकिस्तान की जेलों में कैद किए जाने पर मछुआरा-संगठनों की ओर से भारत सरकार से उन्हें मुक्त कराने की गुहार लगाई जाती है। बीते स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गुजरात के बहुत से मछुआरों की औरतों और बच्चों ने सरकार से कहा था कि, दोनों देशों की आपसी कूटनीति के तहत उनके घरवालों को पाकिस्तान की जेलों से रिहा करवाना चाहिए। राजकोट जिले की कई महिलाओं ने कई दफा अपने पतियों की मानवीय आधार पर रिहाई की मांग की है।
इस तरह मछुआरों को पाकिस्तानियों ने पकड़ा
पाक जेल में बंद मछुआरे रमणभाई पारेख की पत्नी बोलीं- "घर परिवार चलाने के लिए पति मछलियां पकड़ते थे। समुद्र से उन्हें पाकिस्तानियों ने हिरासत में लिया और पाकिस्तान ले गए। इस घटना को तीन साल हो गए। मैंने पिछले 3 वर्षों से इस संबंध में राज्य के साथ-साथ केन्द्र सरकार से गुहार लगाई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।" वहीं, जीतूभाई की पत्नी रमीलाबेन ने कहा कि, "जो मछुआरा पकड़े जाते हैं, सरकार की ओर से उनके परिवार को हर महीने 9 हजार रुपए की मदद दी जाती है, लेकिन हमें अब रुपयों की मदद नहीं चाहिए बल्कि, पति की पाकिस्तान की जेल से रिहाई चाहिए।"
CM बोले- पाकिस्तान द्वारा पकड़े गए 7100 मछुआरों को छुड़ाया, हमारी सरकार आर्थिक मदद भी दे रही
महिलाओं ने सुनाए दुखड़े
एक
अन्य
महिला
हीराबेन
ने
कहा
कि,
"हमारे
पति
भी
3
साल
से
पाकिस्तानियों
की
कैद
में
हैं।
बेटा
जब
पांच
महीने
का
था,
तब
पाकिस्तानी
मरीन
एजेंसी
ने
मेरे
पति
को
मछली
पकड़ते
वक्त
अगवा
कर
लिया।
अब
मुझसे
मेरा
बेटा
अपने
पिता
के
बारे
में
पूछता
है।
मैं
उसे
क्या-क्या
कहकर
रोकती
हूं,
मुझे
ही
पता
है।
इस
नन्हे
बच्चे
को
सरकार
क्या
जवाब
देना
चाहेगी?"
इसी
तरह
कई
और
औरतों
ने
भी
अपनी-अपनी
पीड़ा
जाहिर
की।
जिनमें
मुंबई
के
जतिन
देसाई,
पोरबंदर
के
जीवन
भाई
डुगी
और
कोडिनार
के
बालूभाई
सहित
मछुआरों
की
पत्नियां
शामिल
हैं।
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रूपाणी सरकार ने मुक्त कराए थे 7100 मछुआरे
गुजरात में जब विजय रूपाणी मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने बताया था कि, उनकी सरकार ने पाकिस्तान द्वारा पकड़े गए 7100 मछुआरों को छुड़ाया। बकौल रूपाणी, "हमारी सरकार ने इस संदर्भ में साफ नीति अपनाईं। मछुआरों को आर्थिक मदद देने के साथ-साथ उन्हें सब्सिडी भी दी, और हमारी सरकार की मत्स्योद्योग की विकास उन्मुख नीति के कारण ही वर्ष 2019-20 में राज्य का मत्स्य उत्पादन 8.58 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया था। इतना ही नहीं, राज्य सरकार ने 5 हजार करोड़ रुपए से अधिक के मछली उत्पादों का निर्यात भी किया।