गुजरात: विधायक जिग्नेश मेवाणी समेत 10 को तीन महीने की जेल, बिना इजाजत की थी रैली
नई दिल्ली, 5 मई: गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल ही में दो मामलों में असम पुलिस ने उनको गिरफ्तार किया था, तो वहीं अब गुजरात की एक अदालत ने जिग्नेश और 9 अन्य को तीन महीने के कारावास की सजा सुनाई है। ये मामला 2017 का है, उस वक्त सभी आरोपियों पर बिना इजाजत रैली करने का आरोप लगा था।
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ये फैसला गुजरात के मेहसाणा की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि रैली करना कोई अपराध तो नहीं है, लेकिन बिना इजाजत रैली करना अपराध है। नियमों के उल्लंघन को कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इस वजह से विधायक मेवाणी और 9 अन्य को तीन महीने की सजा सुनाई जाती है। इसके साथ ही सभी दोषियों को एक-एक हजार रुपये का जुर्माना भी भरना है। दोषियों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की नेता रेशमा पटेल का नाम भी शामिल है।
ये
था
पूरा
मामला
दरअसल
जुलाई
2017
में
ऊना
में
दलितो
की
पिटाई
का
मामला
सामने
आया
था।
इसके
बाद
मेहसाणा
के
पास
बनासकांठा
में
आंदोलन
किया
गया,
जिसका
नाम
'आजादू
कूच'
था।
उसी
दौरान
मेवाणी
ने
अपने
साथियों
के
साथ
रैली
निकाली
थी।
जिस
वजह
से
पुलिस
को
मामला
दर्ज
करना
पड़ा।
अब
इस
मामले
में
फैसला
आया
है।
हालांकि
विधायक
के
वकील
ऊपरी
अदालत
जाने
की
बात
कह
रहे
हैं।
जिग्नेश मेवाणी की जमानत के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची असम सरकार, निचली अदालत के फैसले को बताया गलत
ये
था
दोषियों
का
पक्ष
मेवाणी
और
अन्य
के
पक्ष
में
पेश
हुए
वकील
ने
कोर्ट
में
कहा
कि
कौशिक
परमार
ने
मेहसाना
के
कार्यकारी
मजिस्ट्रेट
से
रैली
की
इजाजत
मांगी
थी।
शुरुआत
में
उनको
इजाजत
मिल
गई,
लेकिन
बाद
में
उस
आदेश
को
रद्द
कर
दिया
गया।
इसके
बाद
मेहसाना
पुलिस
ने
सभी
के
खिलाफ
आईपीसी
की
धारा
143
के
तहत
मामला
दर्ज
किया।
इस
पर
कोर्ट
ने
कहा
कि
10
लोग
बिना
इजाजत
रैली
निकालने
के
मामले
में
दोषी
पाए
गए
हैं,
वो
चाहें
तो
ऊपरी
अदालत
में
जा
सकते
हैं।